उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री विनोद सिंह के इस्तीफे के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलाय़म सिंह यादव ने अजीबोगरीब बयान दिया है. मुलायम ने अपने मंत्रियों को नसीहत देते हुए कहा, 'कमा लीजिए, खा लीजिए लेकिन आचरण का ध्यान रखिए.'
इससे पहले मुलायम के भाई और यूपी के लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा था कि किसी भी क्षेत्र में कमीशनखोरी में कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उनके इस बयान से भी समाजवादी पार्टी की खूब भद्द पिटी थी.
गौरतलब है कि अखिलेश यादव सरकार के मंत्री विनोद सिंह द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) को अगवा करने का मामला सामने आने के बाद मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा और राज्य सरकार लगातार विपक्ष के हमले झेल रही है.
शिवपाल ने कहा, 'कमीशनखोरी में कमी नहीं...'
लखनऊ में समाजवाद के प्रवर्तक राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि के मौके पर शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए मुलायम ने कहा, 'सरकार के किसी मंत्री पर उंगली उठने से सपा कमजोर होगी. यह ध्यान आप लोगों को रखना पड़ेगा. हम चाहते हैं कि सपा की सरकार उत्तर प्रदेश में पांच साल तक ऐसी चले कि किसी मंत्री पर अंगुली न उठे.'
पुण्यतिथि के कार्यक्रम का आयोजन राजधानी के गोमतीनगर स्थित राम मनोहर लोहिया पार्क में किया गया था. मंत्रियों, विधायकों और पार्टी नेताओं से आचरण में संयम लाने की अपील करते हुए मुलायम ने कहा, 'हम पार्टी के नेता और सरकार में अलग-अलग जिम्मेदारियां संभाल रहे नेताओं से आग्रह करते हैं कि वे आचरण में संयम रखें. नहीं तो पिछली सरकारों के नेताओं और आप में क्या फर्क रहेगा?'
मुलायम ने कहा, 'आज पार्टी और सरकार में नौजवानों की काफी संख्या है. हमने कई मंचों पर कहा कि हम सपा को बूढ़ी पार्टी के रूप में नहीं देखना चाहते हैं. हमारा विचार और संकल्प आज पूरा होता दिखाई दे रहा है.' उन्होंने नौजवान नेताओं से राम मनोहर लोहिया के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया.
इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मल्टीब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का विरोध करते कहा कि हमारी सरकार समाजवादी सिद्धांतों पर चलेगी. उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, 'कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की गलत नीतियों के कारण देश में आर्थिक संकट है.' इस दौरान मुख्यमंत्री ने सपा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना कन्या विद्या धन का नाम बदलकर मां कस्तूरबा गांधी योजना करने का ऐलान किया.