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यूपी: असम हिंसा के विरोध में हिंसक प्रदर्शन, अलर्ट जारी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को असम हिंसा के विरोध में मुस्लिम संगठनों द्वारा शुक्रवार को निकाला गया जुलूस हिंसक हो गया. प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में तोड़फोड़ कर पथराव किया और मीडियाकर्मियों के साथ मारपीट की.

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उत्तर प्रदेश
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को असम हिंसा के विरोध में मुस्लिम संगठनों द्वारा शुक्रवार को निकाला गया जुलूस हिंसक हो गया. प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में तोड़फोड़ कर पथराव किया और मीडियाकर्मियों के साथ मारपीट की.

इसी तरह कानपुर और इलाहाबाद में प्रदर्शन किया गया और यहां भी उग्र लोगों ने हिंसक प्रदर्शन करते हुए तोड़फोड़ की. राज्य सरकार की तरफ से पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है. राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है. सरकार ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटेगी. पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर पुलिस अधीक्षकों को इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं.

मुस्लिम संगठनों ने राजधानी लखनऊ में इमामबाड़ा के पास असम में मुस्लिमों के खिलाफ कथित अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन का आयोजन किया जो मुंबई की तरह हिंसक हो उठा.

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प्रदर्शन में शामिल लोगों ने इमामबाड़ा से लेकर हजरतगंज के बीच मार्ग में कई वाहनों में तोड़फोड़ की. हजरतगंज बाजार में उपद्रवियों ने जबरन दुकानें बंद कराने की कोशिश की. इस दौरान व्यापारियों के मना करने पर उन्होंने कुछ दुकानों को भी अपना निशाना बनाया.

इसके अतिरिक्त सबूतों को मिटाने के लिए उपद्रवियों ने मीडियाकर्मियों के कैमरों को भी तोड़ दिया और विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की. उपद्रवी इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने एक निजी समाचार चैनल की ओबी वैन में तोड़फोड़ की. मीडियाकर्मियों ने प्रमुख सचिव गृह आर.एम.श्रीवास्तव से मिलकर उपद्रवियों को पकड़कर उनके खिलाफ कड़ी कारवाई की मांग की.

लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आर.के.चतुर्वेदी ने संवाददाताओं से कहा कि उपद्रवियों की पहचान की जा रही है. तोड़फोड़ में शामिल किसी उपद्रवी को बक्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि पता लगाया जा रहा है कि तोड़फोड़ करने वाले लोग कौन थे और किस संगठन से उनका संबंध था.

लखनऊ की तरह कानपुर और इलाहाबाद में भी उग्र प्रदर्शनकारियों ने असम घटना के खिलाफ सड़कों पर उतरकर जुलूस निकाला और बाद में तोड़फोड़ की. पुलिसकर्मियों ने जब उन्होंने रोकने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस पर पथराव किया.

राज्य के पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) बद्री प्रसाद सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. पुलिस अधीक्षकों को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है.

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उधर, विपक्षी दलों ने घटना की निंदा करते हुए कानून एवं व्यवस्था को लेकर सरकार की आलोचना की. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि प्रदेश की राजधानी में उपद्रवियों ने बेखौफ होकर न सिर्फ अराजकता फैलाई और तोड़फोड़ की, बल्कि मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाया. उन्होंने कहा, "सरकार से हमारी मांग है कि तोड़फोड़ और मीडियाकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए.

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र मदान ने कहा कि मीडियाकर्मियों पर इस तरह हमले की जितनी निंदा की जाए, कम है. सरकार उपद्रवियों को गिरफ्तार कर उनकी कड़ी सजा दे.

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