उत्तर प्रदेश के छत्ता गांव के किसान सतीश चंद की गेहूं की 80, 000 रुपयों की पूरी फसल मार्च में बेमौसम बरसात के चलते बर्बाद हुई. घाव तक और गहरा हो गया, जब किसान को राज्य सरकार की ओर से मुआवजे का 18 हजार रुपये का चेक बाउंस हो गया. चेक बाउंस होने की वजह रेवेन्यू ऑफिसर के अकाउंट में पर्याप्त फंड न होना था.
सिर्फ सजीश चंद के साथ ही ये नहीं हुआ है. आजही गांव के कई किसानों के भी चेक बाउंस हुए हैं. कई किसानों को तो मुआवजे के नाम पर 73 रुपये, 186 रुपये और 750 रुपये के चेक भी मिला है.
बेमौसम बरसात की वजह से उत्तर प्रदेश के 80 में से 55 जिलों में लाखों किसान 1100 करोड़ रुपयों का नुकसान झेल रहे हैं. अप्रैल में राज्य सरकार ने कहा था कि उन्होंने 500 करोड़ रुपयों का मुआवजा दिया है, लेकिन किसान हैरान है कि अगर पैसा बांटा गया है तो ये पैसा गया कहां.
मथुरा के जिला अधिकारियों ने फंड की कमी की बात से इनकार किया है. मथुरा के डिस्ट्रिक्ट ने कहा, 'अभी तक सरकार ने 122 करोड़ रुपये भेजे हैं और फंड भी आ रहा है. हमने अभी तक किसानों को 20 करोड़ रुपये बांट दिए हैं. मैंने सुना कि एक शाखा में कुछ दिक्कत आ रही है और हम इस मामले को देख रहे हैं.'
बुधवार को कुछ जिला अधिकारी सतीश चंद से मिले. सतीश चंद ने बताया कि उसे मुआवजा देने की बात की गई, लेकिन साथ ही धमकाया भी गया कि चेक बाउंस होने का जिक्र किसी से न करूं, लेकिन ये बात बतानी जरूरी थी, जिससे दूसरे किसानों को इस समस्या से न जूझना पड़े.