यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खां को तत्काल मंत्री पद से बर्खास्त किए जाने के आग्रह वाली जनहित याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में दायर की गई है.
कोर्ट ने याचियों के अधिवक्ता को पूरक हलफनामा दाखिल करने का वक्त देकर अगली सुनवाई 10 सितंबर को तय की है. न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी द्वितीय की खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को यह आदेश रजा हुसैन व एस. आमिर हैदर रिजवी की याचिका पर दिया.
इसमें दो अहम मुद्दे उठाए गए हैं. याचियों का पहला आरोप है कि आजम खां, शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद के खिलाफ असंसदीय, असंवैधानिक, गैरकानूनी और आपराधिक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं. दूसरा आरोप है कि मंत्री आजम खां रामपुर के मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के चांसलर भी हैं.
याचियों के मुताबिक यह पद भी लाभ का पद है. इन्हीं दो आधारों पर याचिका में आजम खां को मंत्री पद से हटाए जाने के निर्देश दिए जाने की गुजारिश की गई है. याचियों के अधिवक्ता अशोक पांडेय के मुताबिक कोर्ट ने मामले में विश्वविद्यालय संबंधी नियमों व रेग्युलेशंस को पूरक शपथ पत्र के जरिये दाखिल करने के लिए वक्त देकर अगली सुनवाई 10 सितंबर को नियत की है.