योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश में 'आधार' को सभी योजनाओं के लिए अनिवार्य कर दिया है. इसके लिए यूपी सरकार ने सोमवार को विधानसभा में एक विधेयक पेश किया, जिसके तहत सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए अब आधार कार्ड अनिवार्य होगा.
3 महीनें में जारी हो जाएगी सूची
इस विधेयक को 'उत्तर प्रदेश आधार अधिनियम 2017' नाम दिया गया है. इसके मुताबिक प्रदेश के सभी लाभार्थियों को पहचान पत्र के तौर पर आधार का इस्तेमाल अनिवार्य होगा. सरकार अगले 3 महीने में उन योजनाओं की सूची भी जारी करेगी, जिसमें पहचान के तौर पर आधार कार्ड अनिवार्य होंगे. हालांकि अगर किसी के पास आधार नहीं है तो सरकार उसे विकल्प देने की बात कह रही है, जब तक उसका आधार तैयार नहीं हो जाता.
बता दें, योगी सरकार ने अपनी तमाम योजनाओं में आधार का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. खासकर पेंशन और किसान कर्जमाफी में इसको लागू किया गया है. पहले चरण में सिर्फ उन्हीं के कर्ज माफ़ हुए, जिनके लोन अकाउंट आधार कार्ड से जुड़े थे. साथ ही पेंशन की रकम भी उन्हीं खातों में पहुंच रही है, जिसे आधार से जोड़ा गया है. योगी सरकार का लक्ष्य 25 मार्च तक तमाम योजनाओं को आधार कार्ड से जोड़ देने है.
सुप्रीम कोर्ट में आधार पर सुनवाई
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी विभिन्न अधिसूचनाओं में आधार को अनिवार्य करने के खिलाफ कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं. शुक्रवार (15 दिसंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई की. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए आधार को लिंक करने की डेडलाइन 31 मार्च तक बढ़ा दी है. आधार की वैधता को लेकर 17 जनवरी से सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि नये बैंक खाते बिना आधार कार्ड के खोले जा सकते हैं. हालांकि बैंक खाते खुलवाने को ये जरूर बताना हेागा कि उसने आधार कार्ड हासिल करने के लिए अप्लाई कर दिया है.
बता दें, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही केंद्र सरकार बैंक खातों समेत अन्य कई योजनाओं के लिए आधार कार्ड लिंक करने की डेडलाइन को 31 मार्च तक बढ़ा चुकी है. गौरतलब है कि याचिकाकर्ताओं ने आधार को निजता के अधिकार का मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताते हुए चुनौती दी थी, जिस पर नियमित सुनवाई अगले साल 10 जनवरी से शुरू होगी.