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राम मंदिर ट्रस्ट जमीन मामले में आप नेता संजय सिंह ने लगाए नए आरोप, कहा- खातों की जांच हो

आप नेता संजय सिंह ने नए आरोप लगाते हुए कहा है कि राम मंदिर के लिए 12080 वर्ग मीटर जमीन 18.50 करोड़ रुपये में खरीदी गई, जबकि उसके बगल में 10370 वर्ग मीटर जमीन सिर्फ 8 करोड़ रुपये में खरीदी गई. इससे साफ पता चलता है कि जमीन की खरीद में भ्रष्टाचार किया गया है.

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आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह (फाइल फोटो)
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी हैं संजय सिंह
  • कहा- 18 मार्च को ही कैंसल हो गया था एग्रीमेंट
  • बगल की जमीनों की कीमत काफी कम
  • सुल्तान अंसारी, रवि मोहन तिवारी के खातों की हो जांच

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने नए आरोप लगाते हुए कहा है कि राम मंदिर के लिए 12080 वर्ग मीटर जमीन 18.50 करोड़ रुपये में खरीदी गई, जबकि उसके बगल में 10370 वर्ग मीटर जमीन सिर्फ 8 करोड़ रुपये में खरीदी गई. इससे साफ पता चलता है कि जमीन की खरीद में भ्रष्टाचार किया गया है.

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संजय सिंह ने आगे कहा ''अगर 8 करोड़ में 10370 वर्ग मीटर जमीन खरीदने के रेट को सही मान लें तो भी 18.50 करोड रुपये में करीब 26000 वर्ग मीटर जमीन खरीदी जा सकती थी. जबकि साढ़े अट्ठारह करोड़ में सिर्फ 12080 वर्ग मीटर जमीन ही खरीदी गई.''

पुराने एग्रीमेंट के बारे में बोलते हुए संजय सिंह ने कहा ''राम जन्म भूमि ट्रस्ट, भाजपा और विश्व हिन्दू परिषद जिस एग्रीमेंट का बार-बार जिक्र कर रहे थे वह 18 मार्च को कैंसिल हो गया था, उसमें रवी मोहन तिवारी का नाम नहीं था तो फिर बहनामे में उसका नाम क्यों शामिल कराया गया?''

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संजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और रवि मोहन तिवारी रिश्तेदार हैं. रवि मोहन तिवारी मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के समधी का साला है. रवि मोहन तिवारी का नाम एग्रीमेंट में इसलिए डाला गया ताकि इनके खाते में रुपए डाल कर करोड़ों रुपए की बंदरबांट की जा सके. भारतीय जनता पार्टी के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने 7 जून को भतीजे दीप नारायण उपाध्याय के नाम पर महेंद्र नाथ मिश्रा से 1.90 करोड़ रुपए की जमीन खरीदी. इसके आय के स्रोतों की जांच होनी चाहिए. सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी के खातों की जांच होनी चाहिए कि उनके खाते में जो 17 करोड़ गए तो वह कहां गए.

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संजय सिंह ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में 50 लाख रुपये से ज्यादा की कोई खरीद अगर रजिस्ट्री विभाग में होती है तो इनकम टैक्स विभाग को इसकी सूचना दी जाती है, जबकि 18.50 करोड़, 8 करोड़ और दो करोड़ की जमीन खरीदने के मामले में ऐसा क्यों नहीं हुआ?'' 

प्रभु श्री राम का मंदिर इसलिए नहीं बन पा रहा है क्योंकि घोटाला और भ्रष्टाचार किया जा रहा है. भाजपा और राम जन्म भूमि ट्रस्ट के लोगों ने प्रभु श्री राम मंदिर के पैसे को खा लिया है. गरीबों ने अपना पेट काटकर प्रभु श्री राम की मंदिर के लिए चंदा दिया है. उस चंदे के पैसे के एक-एक रुपए का सदुपयोग होना चाहिए. जगदगुरू शंकराचार्य जी, स्वामी स्वरूपानंद जी, रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी, सत्येंद्र दास, निर्मोही अखाड़े, स्वामी अवमुक्तेश्वानंद का बयान आया कि वो भी इस भ्रष्टाचार की घटना से आहत हैं, क्या ये सब प्रभू श्री राम के खिलाफ हैं?

परिवार को धमकियां देकर मेरे ऊपर हमले कराए जा रहे हैं

संजय सिंह ने कहा कि मेरे परिवार के लोगों को धमकियां दी जा रही हैं, मेरे ऊपर हमले कराएं जा रहे हैं. मैं करोड़ों राम भक्तों से कहना चाहता हूं कि गुमराह मत होना. इनकी असलियत अब सामने आ चुकी है. निर्मोही अखाड़े ने इन पर तीन साल पहले 1400 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, क्या ये सब भी प्रभू श्री राम के खिलाफ हैं? चंदा चोरो अपनी चोरी को बचाने के लिए दूसरों पर आरोप लगाना बंद करो. यह 16.50 करोड़ रुपये वापस करो, जेल में जाओ.

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