मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी और साले शरजील रजा को कोर्ट से राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने दोनों की 14 दिन की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है. दरअसल, माफिया घोषित किए गए बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज है. जिसको लेकर कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए दोनों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रयागराज जिला कोर्ट में पेश किया गया. दोनों की तरफ से कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल नहीं की गई थी.
उधर, मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी. इस मामले की अगली सुनवाई अब 15 दिसंबर को होगी. अब्बास अंसारी इन दिनों यूपी की चित्रकूट और सरजील रजा प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद है. दोनों को मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया है. ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने दोनों की गिरफ्तारी की थी.
बता दें कि चार नवंबर को ईडी की टीम ने माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को गिरफ्तार किया था. पांच नवंबर को ईडी की टीम ने अब्बास अंसारी को प्रयागराज के जिला कोर्ट में पेश किया था. इससे पहले मऊ की कोर्ट ने एक मामले में अब्बास अंसारी और उनके भाई उमर अंसारी को जमानत दी थी.
दोनों पर 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान बिना परमिशन के जुलूस निकालने और भीड़ इकट्ठा करने पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप था. इस मामले में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था. मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट की जज श्वेता चौधरी ने दोनों भाइयों को जमानत दे दी थी. ये मुकदमा चुनाव के समय मऊ शहर कोतवाली में दर्ज हुआ था.
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने मार्च 2021 में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. उसके बाद ईडी ने मुख्तार के भाई और बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी से इसी साल 9 मई, फिर मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी और विधायक भतीजे शोएब अंसारी से 10 मई को और अब्बास अंसारी और छोटे बेटे उमर अंसारी से 20 मई को पूछताछ की थी. ED ने अब्बास अंसारी के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया था. 25 अगस्त को एमपी-एमएलए कोर्ट ने अब्बास अंसारी को भगोड़ा घोषित कर दिया था.