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करप्शन के खिलाफ योगी सरकार का बड़ा एक्शन, दस तहसीलदार समेत 13 अफसर निलंबित

बदायूं में करप्शन का यह मामला मामला साल 2013 से साल 2019 के बीच का है. बताया जा रहा है कि बदायूं कोषागार से 5 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया था.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

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  • बदायूं कोषागार से 5 करोड़ रुपये के घोटाले का है मामला
  • विधायक ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार का लगाया आरोप

करप्शन के मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार ने बदांयू जिले में बड़ी कार्रवाई की है. राज्य सरकार ने दस तहसीलदार और 3 मुख्य कोषागारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है. ये मामला साल 2013 से साल 2019 के बीच बदांयू कोषागार से 5 करोड़ रुपये का घोटाला करने का है.

योगी सरकार ने बदायूं में भ्रष्टाचार के खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई उस समय की है, जब कानपुर में केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोप सामने हैं. नमामि गंगे परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोप खुद बीजेपी विधायक ने लगाए हैं.

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शुक्रवार को कानपुर के बिठूर विधानसभा क्षेत्र से विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने आरोप लगाया कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत गंगा घाटों की सफाई के नाम पर एक निजी कंपनी भ्रष्टाचार कर रही है. बीजेपी विधायक सांगा के मुताबिक  गंगा घाटों की सफाई का काम लेने वाली कंपनी अपने कर्मचारियों की फर्जी ड्यूटी दिखाकर पैसा वसूल रही है. इस कंपनी को सरकार के कई बड़े अफसरों का संरक्षण मिला है.

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बीजेपी विधायक ने इस मामले की शिकायत कानपुर के जिलाधिकारी से भी की है. बीजेपी विधायक ने बताया कि जब उन्होंने इस मामले के खिलाफ आवाज बुलंद की, तो इस कंपनी और एक बीजेपी के ही बड़े नेता ने मिलकर उनको ही फंसाने की साजिश रचने लगे. बीजेपी विधायक ने अब इस मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करने की तैयारी की है.

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