उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार और आरोपी चैयरमैन को हटाए जाने की मांग को लेकर शिया धर्मगुरुओं के अभियान छेड़ने के बाद, अब सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन पर भी धांधली किए जाने का आरोप लग रहा है.
दोस्तों को पहुंचाया फायदा
मुस्लिम समाज परिषद ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारूकी पर दोबारा वक्फ बोर्ड का चेयरमैन बनने के लिए जोड़-तोड़ किए जाने का आरोप लगाते हुए उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. परिषद का आरोप है कि फारूकी ने अपने दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए, विवादित वक्फ को दो भागों में विभाजित कर दिया है और दूसरे भाग पर अपने दोस्तों को मुतावल्ली नियुक्त किया है.
परिषद के अध्यक्ष शुऐब ने आरोप लगाया कि सुन्नी बोर्ड के चेयरमैन ने अपने पिछले कार्यकाल में रहीमनगर, लखनऊ में स्थित मस्जिद की वक्फ सम्पत्ति संख्या-310 तथा पुराने लखनऊ के ख्वाजा काजिम अली वक्फ संख्या-63 के साथ वही कार्यवाही की थी. वक्फ 63 के विभाजन द्वारा उन्होंने अपने चहेते तीन कर्मचारियों को तथा अलहदा एजुकेशनल सोसायटी के अध्यक्ष अतहर हुसैन, सेकेट्ररी डॉ. कौसर उस्मान और मैनेजर डॉ. शकील को मुतावल्ली बनाकर फायदा पहुंचाया.
शुऐब ने सरकार से मांग की है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारूकी को तत्काल निलंबित कर बोर्ड में व्याप्त घोटाले की जांच कराए और औकाफ की इस बंदरबांट पर रोक लगाए.
-इनपुट IANS