इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में जो शिकस्त एबीवीपी को मिली थी, उसका दर्द सोमवार शाम होते-होते कुछ कम हो गया. क्योंकि आगरा विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में 5 सीटों में से 4 पर एबीवीपी ने कब्जा जमा लिया.
पिछले चुनाव में यहां ABVP को कोई सीट नहीं मिली थी, जबकि 2 सीटों पर समाजवादी छात्र सभा ने अपना कब्जा किया था. इस बार आगरा छात्रसंघ के चुनाव में एबीवीपी ने दो सीटें समाजवादी छात्र सभा और एक सीट एनएसयूआई से छीन ली है.
आगरा विश्वविद्यालय जो डॉ. भीमराव अम्बेडकर विवि के नाम से भी जाना जाता है के छात्रसंघ चुनाव की खास बातें कुछ यूं हैं.
1. छात्रसंघ पर एबीवीपी का कब्जा, एनएसयूआई, समाजवादी छात्रसभा और निर्दलीय का सूपड़ा साफ.
2. एबीवीपी के अभिषेक मिश्र छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए. एबीवीपी की कृतिका सोलंकी उपाध्यक्ष निर्वाचित हुई.
3. एबीवीपी के चंद्रजीत यादव महामंत्री और कुनाल दिवाकर संयुक्त सचिव के पद पर निर्वाचित हुए. निर्दलीय उम्मीदवार चंचल पांडेय पुस्तकालय सचिव पद पर निर्वाचित हुए.
आगरा के भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी की जीत कई मायनों में BJP के लिए राहत देने वाली है. लगातार कई विश्वविद्यालयों में मुंह की खाने के बाद आगरा के भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय को लेकर अटकलें एबीवीपी के पक्ष में नहीं थी. लेकिन, जब परिणाम आए तो इस छात्र संगठन के साथ-साथ BJP की भी बांछे खिल गईं.
इससे पहले चाहे जेएनयू हो या दिल्ली यूनिवर्सिटी हो या फिर बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी सभी विश्वविद्यालयों में एबीवीपी सबके निशाने पर थी और अगर यहां भी परिणाम एबीवीपी के खिलाफ आते तो लगभग यह तय हो चला था कि युवा वर्ग बीजेपी से नाराज होता जा रहा है.