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उत्तर प्रदेश के आगरा में ताजमहल से बंदरों के आतंक को रोकने के लिए प्लान तैयार है. नगर निगम ने वन विभाग से बंदरों के बधियाकरण की अनुमति ले ली है. पहले चरण में 500 बंदरों की नसबंदी की जाएगी. इसके लिए 4 करोड़ रुपए का खर्चा किया जाएगा. इस काम की जिम्मेदारी आगरा नगर निगम ने अपने कंधों पर ली है.
नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय कुमार ने बताया कि ताजमहल में जल्द ही अभियान चलाकर बंदरों को पकड़ा जाएगा और उनका बधियाकरण किया जाएगा. इसके लिए वन विभाग के साथ वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम से भी समन्वय बना लिया गया है. ताजमहल से बंदरों का आतंक खत्म किया जाएगा.
ASI के लिए सिरदर्द
बता दें कि ताजमहल में बंदरों का आतंक लगातार चल रहा है. बंदरों का आतंक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग यानी एएसआई के लिए सिरदर्द बना हुआ है. ईएसआई लगातार विभागों को लेकर बंदरों को ताजमहल से हटाने के लिए कह रहा है. ताजमहल में बंदर आए दिन पर्यटकों को काट-पीट लेते हैं जिसका सीधा असर ताजमहल पर आ रहा है.
दर्जनभर पर्यटकों पर हमला कर चुके बंदर
पिछले 6 महीने में खूंखार हो चुके बंदर करीब एक दर्जन पर्यटकों को अपना शिकार बना घायल कर चुके हैं. इसके चलते ताजमहल भ्रमण पर आने वाले पर्यटक दहशत में रहते हैं. दरअसल, जब भी तमाम पर्यटकों को यह मालूम नहीं होता है कि बंदर खूंखार हैं तो वह उनके पास जाने की कोशिश करते हैं और खतरा मोल ले लेते हैं.
10 हजार बंदरों को पकड़ने का टारगेट
पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जल्द ही अभियान चलाकर बंदरों की ताजमहल से धरपकड़ की जाएगी. उन्होंने बताया कि 10 हजार बंदरों को पकड़ने का लक्ष्य है. पहले दौर में 500 बंदरों को पकड़ा जाएगा. ताजमहल पर बंदरों के आतंक को रोकने के लिए एएसआई भी लगातार प्रयास कर रहा है. ताजमहल के चारों ओर लगी फेंसिंग को सही कराने के साथ एएसआई ने अतिरिक्त कर्मचारियों की ड्यूटी भी बंदरों को रोकने के लिए लगाई थी. लेकिन बंदरों के आतंक से ताजमहल को पूरी तरह निजात नहीं मिल पाई है.