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UP: सूट-बूट पहना शख्स, तीन अर्दली.. नहीं बता पाए NCRB का फुल फॉर्म.... पेपर लीक होते-होते बचा

आगरा में पुलिस ने एक फर्जी मजिस्ट्रेट को गिरफ्तार किया है. यह फर्जी मजिस्ट्रेट अपने साथ तीन अर्दली लेकर माता वैष्णो देवी इंटर कॉलेज में वसूली और स्ट्रांग रूम खुलवाने के लिए पहुंचा था.

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फर्जी मजिस्ट्रेट गिरफ्तार
फर्जी मजिस्ट्रेट गिरफ्तार
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गिरफ्तार किए गए फर्जी मजिस्ट्रेट के साथ चार आरोपी
  • UP बोर्ड का पेपर लीक करने की साजिश का है शक

आगरा में यूपी बोर्ड की परीक्षा का पेपर लीक होने से बच गया. दरअसल, माता वैष्णो देवी इंटर कॉलेज में वसूली और स्ट्रांग रूम खुलवाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट का दस्ता पहुंचा. दस्ते ने कॉलेज में दबाव बनाया, लेकिन कॉलेज में मौजूद स्टाफ को मजिस्ट्रेट के फर्जी होने का शक हो गया. शक होने पर कॉलेज स्टाफ ने पुलिस को चुपचाप सूचना दे दी.

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आनन फानन में पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने जांच पड़ताल की और जांच पड़ताल में जिला मजिस्ट्रेट और उनका स्टाफ फर्जी निकला. मजिस्ट्रेट बन कर यूपी बोर्ड की परीक्षा में जांच करने पहुंचे चारों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. मामला थाना इरादत नगर के कुर्रा चित्तरपुर स्थित माता वैष्णो देवी इंटर कॉलेज का है. कॉलेज बोर्ड परीक्षाओं का केंद्र है.

सुबह 8:45 बजे केंद्र पर हाईस्कूल विज्ञान की परीक्षा चल रही थी, तभी बिना नंबर की बोलेरो गाड़ी में सवार चार लोग परीक्षा केंद्र पर पहुंचे. गाड़ी पर भारत सरकार और जिला मजिस्ट्रेट एनसीआरबी लिखा था. गाड़ी से तीन लोग उतरे. इनमें एक सूट बूट पहने हुए था, जबकि उसके साथ चल रहे लोग इस तरह व्यवहार कर रहे थे जैसे वह साहब के अर्दली हैं.

परीक्षा केंद्र में चेकिंग करने के बाद फर्जी जिला मजिस्ट्रेट ने केंद्र व्यवस्थापक पर स्ट्रांग रूम खोलने का दबाव बनाया. शक होने पर केंद्र व्यवस्थापक ने उनसे परिचय पत्र मांगा, लेकिन एक भी व्यक्ति अपना परिचय पत्र नहीं दिखा पाया. पूछे जाने पर फर्जी साहब एनसीआरबी की फुल फॉर्म तक नहीं बता पाए. 

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शक होने पर केंद्र व्यवस्थापक ने चारों को रोक लिया और मामले की सूचना डीआईओएस को दी गई. डीआईओएस के निर्देश पर पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों के नाम रघुवीर सिंह तोमर, अशोक कुमार, मुकेश और देवेंद्र कुमार है. 

केंद्र व्यवस्थापक से मिली तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. माना जा रहा है कि चारों आरोपी पेपर लीक कराने के इरादे से केंद्र में पहुंचे थे, लेकिन मामला खुल गया और चारों जेल की सीखचों के पीछे पहुंच गए.

 

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