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UP: 94 बार चुनाव हार कर आगरा के शख्स ने बनाया रिकॉर्ड, सेंचुरी बनाने की जिद अभी बाकी है

आगरा के एक शख्स ने तो चुनाव लड़ने का ही रिकॉर्ड बना डाला है. 94 बार चुनाव लड़ चुका यह शख्स 100वां चुनाव लड़ने के सपने देखता है. हालांकि इन्होंने अभी तक कोई चुनाव जीता नहीं है. इस बार भी विधानसभा चुनाव में उन्होंने दो जगह से पर्चा भरा है. 

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94 बार चुनाव लड़ चुके हैं, 100वां चुनाव भी लड़ना है
94 बार चुनाव लड़ चुके हैं, 100वां चुनाव भी लड़ना है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 94 बार चुनाव हार हसनुराम ने बनाया रिकॉर्ड
  • ब्लॉक चुनाव से राष्ट्रपति तक चुनाव लड़ चुके हैं

कहते हैं, कई बार ज़िद भी कई रिकॉर्ड बना देती है. आगरा के एक शख्स ने तो चुनाव लड़ने का ही रिकॉर्ड बना डाला है. 94 बार चुनाव लड़ चुका यह शख्स 100वां चुनाव लड़ने के सपने देखता है. हालांकि इन्होंने अभी तक कोई चुनाव जीता नहीं है. इस बार भी विधानसभा चुनाव में उन्होंने दो जगह से पर्चा भरा है. 

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किसी की आदत या किसी का जूनून ही उसे अलग करने की सोच देता है. चुनावो में हार जीत तो जनता के हाथ में है. आगरा के खेरागढ़ तहसील नगला रामनगर के रहने वाले हसनुराम अम्बेडकरी ने अब तक चुनाव लड़-लड़ कर रिकॉर्ड ही बना दिया. उन्होंने 1985 से 2022 तक हर छोटे-बड़े चुनाव में हिस्सा लिया है. अभी उनका रिकॉर्ड 94 का है पर दिल में तमन्ना 100 चुनाव लड़ने की है. हसनुराम अंबेडकरी कहते है, 'मैं जिंदा ही इसलिए हूं कि 100वां चुनाव लड़ना है. मेरी नज़र हमेशा अगले चुनाव पर रहती है.' 

हसनुराम बताते हैं कि असल में कई साल पहले किसी विधायक ने चुनाव लड़ने को लेकर उनकी मज़ाक बना दी थी. वह बात उनके दिल मे घर कर गई. तभी उन्होंने तय किया कि अब कुछ अलग किया जाए और चुनाव लड़ा जाए. उसके बाद, एक के बाद एक चुनाव लड़ने की कहानी शुरू हो गई. इस बार भी विधानसभा चुनाव में उन्होंने दो जगह से पर्चा भरा है. हसनुराम राष्ट्रपति से लेकर ब्लॉक तक के, हर चुनाव लड़ चुके हैं.

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असल में हसनुराम उस दौरान राजस्व विभाग में अमीन के पद पर कार्ररत थे. उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया. 76 साल के हसनुराम ने ये प्रण लिया है कि जब तक जीवित रहूंगा, चुनाव लड़ता रहूंगा. हसनुराम कहते भी हैं कि उनके पास जेब मे 500 रुपये और कुछ जरा सी जमीन है. चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने उन पैसों का इस्तेमाल किया जो केंद्र सरकार की किसान योजना के तहत किसानों को मिलते हैं.

 

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