मदर डेयरी के दूध में डिटर्जेंट मिलने की खबर के बाद से ही यूपी समेत दिल्ली में दूध का रंग गाढ़ा होने लगा है. आगरा के जिन दो कलेक्शन प्वॉइंट से लिए गए सैंपलों में डिटर्जेंट मिले थे, बुधवार को उनके लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है, जबकि दिल्ली में दूध का कोई भी सैंपल अभी तक फेल नहीं हुआ है.
दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन के मुताबिक, दिल्ली में दूध का कोई भी सैंपल फेल नहीं हुआ है. हालांकि अभी मामले में और जांच की जा रही है. मंत्री ने कहा कि यह लोगों के स्वास्थ्य के साथ किसी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
दूसरी ओर, मदर डेयरी ने अपने उत्पाद को पूरी तरह सुरक्षित बताया है. इससे पहले उत्तर प्रदेश खाद्य और दवा प्रशासन (एफडीए) ने मंगलवार को कहा कि उसे मदर डेयरी दूध के नमूने में डिटर्जेंट मिला है, जबकि दिल्ली स्थित कंपनी ने इस दावे का प्रतिवाद किया है.
साल 2014 में लिए गए थे सैंपल
यूपी एफडीए आगरा के अधिकारी रामनरेश यादव ने मंगलवार को कहा था, 'परिणाम से पता चलता है कि दूध के नमूनों की गुणवत्ता हल्की है और दो में से एक नमूने में डिटर्जेंट पाया गया.' यादव ने बताया कि ये नमूने मदर डेयरी दूध के संग्रह केन्द्र से नवंबर 2014 में लिए गए थे.
उन्होंने कहा, 'इन नमूनों को पहले लखनऊ भेजा गया और बाद में कंपनी की मांग पर इन्हें कोलकाता भेजा गया.' हालांकि, मदर डेयरी ने उसके द्वारा पैकेटों में बेचे जाने वाले दूध में किसी भी तरह की मिलावट से साफ तौर पर इनकार किया है.
दिल्ली में मदर डेयरी के दूध, फल और सब्जी विभाग के प्रमुख संदीप घोष ने कहा, 'मदर डेयरी दूध को विभिन्न स्तरों पर जांच के चार स्तरों से गुजरना होता है. दूध प्राप्त होने, प्रसंस्करण, दूध जारी करने और यहां तक कि बाजार के स्तर पर उसकी जांच की जाती है.' उन्होंने कहा कि मदर डेयरी में प्लांट पर पहुंचने वाले दूध के हर टैंकर को 23 तरह की सख्त गुणवत्ता जांच से गुजरना होता है. इन परीक्षणों में दूध में पानी, यूरिया, डिटर्जेंट, तेल आदि सभी तरह की मिलावट की जांच की जाती है.