कानून व्यवस्था के मोर्चे पर आलोचलाओं का सामना कर रही अखिलेश यादव सरकार ने पहली बार यह स्वीकार किया कि यूपी में अपराध बढ़ गए हैं.
सोमवार, 9 दिसंबर, को विधानसभा सत्र के दौरान प्रश्नोत्तर काल में बीजेपी के श्यामदेव राय चौधरी के सवाल के लिखित जवाब में बताया गया कि रोड होल्डअप व फिरौती के लिए अपहरण जैसे अपराधों को छोड़ शेष में वर्ष 2013 मेंआंशिक वृद्धि हुई है. नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार 2012 प्रदेश में गिरफ्तार किए अपराधियों में से 98.9 प्रतिशत नए अपराधी हैं. बीएसपी के डा.धर्मपाल सिंह के प्रश्न जवाब मिला कि 2012 के सापेक्ष इस वर्ष 15 नवंबर तक महिला छेड़छाड़ की 98, बलात्कार की 569 घटनाएं अधिक दर्ज हुई हैं.
18 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं से छेड़छाड़ के 61 और बलात्कार के 240 मामले दर्ज हो चुके हैं. अखिलेश सरकार ने यह भी स्वीकारा कि इस वर्ष मार्च से अक्टूबर तक प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव की 13 घटनाएं हो चुकी हैं.
बीजेपी के सतीश महाना के सवाल पर मुख्यमंत्री की ओर से बताया गया कि मुजफ्फरनगर, मेरठ व बागपत के अलावा संभल, सहारनपुर, पीलीभीत, बिजनौर, बहराइच, कन्नौज, एटा, गाजीपुर, उन्न्न्नाव और शामली में सांप्रदायिक तनाव की वारदातें हुई हैं.