यह खबर यूपी के उन बुजुर्गों के लिए है जो तीर्थाटन की अपनी मुराद आर्थिक तंगी के कारण नहीं पूरी कर पाते हैं. ऐसे बुजुर्गों की मुराद अब अखिलेश यादव की सरकार पूरी करेगी.
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तर्ज पर यूपी सरकार भी अपने खर्च पर आयकर के दायरे से बाहर के वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थयात्रा कराएगी. इसके लिए इंडियन रेलवे कैटरिंग टूरिज्म कार्पोरेशन ( आइआरसीटीसी) और यूपी सरकार में अंतिम दौर की वार्ता चल रही है. इस योजना में हिंदू, मुस्लिम और सिख धर्म के तीर्थ स्थलों को शामिल किया गया है, जिनमें वाराणसी, पुरी, गया, रामेश्वरम, वैष्णो देवी, तिरुपति बालाजी, अमृतसर, द्वारिकापुरी, बिहार शरीफ और शिरडी मुख्य हैं.
पहले चरण में इन तीर्थ स्थलों के भ्रमण के लिए 25 हजार तीर्थ यात्रियों का चयन किया जाएगा. आठ से दस दिन की इस यात्रा के लिए सभी मंडल मुख्यालय से एक हजार यात्रियों की क्षमता वाली स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी. ट्रेन के सभी कोच में एक अटेंडेंट और मेडिकल की व्यवस्था होगी. भोजन, रहने, घूमने की पूरी व्यवस्था आइआरसीटीसी करेगा.
खास बात यह भी है कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग अपने साथ एक अटेंडेंट भी ले जा सकेंगे. प्रदेश सरकार भी 25 लोगों के एक समूह पर एक अटेंडेंट की व्यवस्था करेगी. योजना का लाभ लेने के लिए वरिष्ठï नागरिकों को रेलवे मंडल मुख्यालयों में एक निर्धारित आवेदन पत्र को भरकर जमा करना होगा. रेलवे मुख्यालय स्थानीय प्रशासन से इन आवेदनों की जांच कराएगा. इसके बाद बुजुर्ग नागरिकों को तीर्थ यात्रा के लिए पात्र माना जाएगा.