अखिलेश सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद राहत शिविरों में रह रहे लोगों की हालत ठीक नहीं है. सरकार ने मीडिया में आई उन रिपोर्टों का भी खंडन किया है कि शिविरों में ठंड, भूख या बदइंतजामी से बच्चों की मौत हुई है.
यूपी सरकार के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने कहा कि सरकार ने दंगा पीड़ितों की राहत और मदद के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए हैं. फिर भी मामले की गंभीरता को देखते हुए मेरठ के कमिश्नर की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है, जो राहत शिविरों में जाकर वहां के हालात का जायजा ले रही है. कमेटी अगले दो-तीन दिनों में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी.
जावेद उस्मानी ने कहा, 'समिति को यह टास्क दिया गया है कि वह तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराए. जहां कोई कमी मिलेगी, हम उसे दूर करेंगे. प्रशासन समस्याएं दूर करने के लिए तैयार है.' उन्होंने कहा कि जो भी सहायता जरूरी होगी, वह जल्द से जल्द जरूरतमंदों तक पहुंचाई जाएगी.