scorecardresearch
 

अखिलेश सरकार ने सपा नेता विक्रम सिंह यादव के खिलाफ केस वापस लिया

अखिलेश सरकार आतंकवादी हमलों के आरोपियों के खिलाफ केस वापसी में हाईकोर्ट से झटका खाने के बाद अब दुराचार व डकैती जैसे गंभीर मुकदमों को भी वापस लेने में जुटी हुयी है.

Advertisement
X
अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

अखिलेश सरकार आतंकवादी हमलों के आरोपियों के खिलाफ केस वापसी में हाईकोर्ट से झटका खाने के बाद अब दुराचार व डकैती जैसे गंभीर मुकदमों को भी वापस लेने में जुटी हुयी है.

Advertisement

ताजा मामला एटा के कासगंज का है जहां पर प्रदेश सरकार ने जिला प्रशासन को दुराचार और डकैती के आरोप में नामजद सपा नगर अध्यक्ष विक्रम सिंह यादव के खिलाफ केस वापसी को लेकर बकायदा आदेश जारी कर दिये हैं. ये मुकदमा पिछली सपा सरकार में 2006 में कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया था. उस समय ये सपा नेता और जिला पंचायत सदस्य थे. मुकदमें की सुनवाई नौ जनवरी को होनी है. वहीं हिस्ट्रीशीटर सपा नेता से खौफजदा पीड़त का परिवार पिछले एक साल से अपना घर से छोड़कर न्याय की उम्मीद में भटक रहा हैं.

देश में भलें ही दुराचारियों को सबक सिखानें और ऐसी वारदातों के आरोपियों को कड़ा सबक सिखाने की आवाज उठ रही हो. लेकिन यूपी में अखिलेश सरकार अपने पार्टी के नेता के खिलाफ दुराचार के आरोप को वापस लेने का फरमान सुनाया है. मामला एटा जिले के कासगंज का हैं. जहां जुलाई दो हजार छह में कासगंज के ढोलना क्षेत्र के गढ़ी गांव में रहने वाले चमन खां ने आरोप लगाया था कि सपा नेता और उस समय के जिला पंचायत सदस्य विक्रम सिंह यादव ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनके साथ लूटपाट की और उनकी पत्नी के साथ बलात्कार भी किया.

Advertisement

हालांकि उस समय भी प्रदेश सें सपा की सरकार थी औऱ मामला सत्ता पक्ष से जुड़ा होने के कारण पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था. लेकिन बाद में अदालत के आदेश के बाद आरोपी विक्रम सिंह यादव सहित 15 अन्य पर पुलिस ने लूटपाट और बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया. जिसे अब अखिलेश सरकार नें मुख्य आरोपी सपा जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह सहित अन्य सभी के पक्ष में मुकदमा वापस लेने का आदेश दिया है. हालांकि गृह विभाग के आला अधिकारी को इसकी खबर नहीं है.

जबकि उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव राजेंद्र कुमार की ओर से कासगंज के जिला मजिस्ट्रेट को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि शासन ने जनहित में उक्त वाद को वापिस लेने का फैसला किया है. यह भी कहा गया है कि राज्यपाल महोदय द्वारा उपर्युक्त वाद के अभियोजन को वापस लेने हेतु लोक अभियोजक द्वारा न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की अनुमति प्रदान की गई है. अपेक्षित कार्यवाही सुनिश्चित करें तथा कृत कार्यवाही से शासन को भी अवगत कराने का कष्ट करें. सरकार के इस निर्देश पर जिला मजिस्ट्रेट कासगंज ने एटा के जिला शासकीय अधिवक्ता योगेन्द्र कुमार को न्यायालय में आवश्यक कार्यवाही करने को कहा है. अदालत ने मामले की सुनवाई नौ जनवरी 2014 तय की है. नेता के डर से घरबार छोड़ कर बाहर रह रहे पीड़िता के घरवाले अब भी डरे हुए हैं.

Advertisement

आपको बता दें कि जिला अध्यक्ष विक्रम यादव पर लगे इन गम्भीर मामले के साथ और भी कुल पन्द्र्ह मामले कोतवाली में दर्ज है और इलाके में आरोपी सपा नेता की छवि किसी माफिया से कम नहीं है. उनके खौफ का आलम ये है कि पीड़ित परिवार अपने घर पर ताला लगा के भाग खड़े हुए हैं. आसपास के लोग भी कैमरे के सामनें तो कुछ भी सपा नेता के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं लेकिन कैमरे के पीछे सपा नेता विक्रम सिंह के गुंडई के किस्से सुनाते नहीं थकते. वहीं जब पुलिस अधिकारियों से बात करनी चाही तो उन्होंने बात करने से साफ़ मना कर दिया. हालांकि आरोपी सपा नेता ने कैमरे के सामने न आते हुए अपने आपको राजनीति का शिकार बताया.

अखिलेश सरकार अपनी पार्टी के नेता पर बलात्कार और डकैती के दर्ज मुकदमे वापस लेने के फैसले पर विपक्षी दलों ने जमकर निशाना साधा हैं. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता कल्याण सिंह ने अखिलेश सरकार की कड़ी आलोचना की है. वहीं कांग्रेस नेता और केन्द्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा का कहना है कि अखिलेश सरकार ने कोई पहला ऐसा मुकदमा वापस नहीं लिया है बल्कि अपने कार्यकर्ताओं पर लगे ऐसे कई अन्य मुकदमे भी वापस लिये हैं.

Advertisement
Advertisement