साइकिल मैराथन में रविवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिस साइकिल से शिकोहाबाद से सैफई का सफर तय किया वह किसान और गरीबों की साइकिल से बिल्कुल अलग खास किस्म की थी.
शिकोहाबाद के रामलीला मैदान से जब छह हजार से अधिक युवाओं को मुख्यमंत्री ने मैराथन के लिए रवाना किया तब उन्होंने साइकिल को गरीब और किसानों का साथी बताया था, लेकिन जिस साइकिल पर कठफोरी (सिरसागंज) से मुख्यमंत्री ने सवारी की वह आम आदमी और समाजवाद की धारणा से काफी दूर थी. दरअसल नीले रंग की चमचमाती जिस साइकिल पर अखिलेश यादव सवार थे वह दुनिया की नामी कंपनी मर्सडीज की थी.
साढ़े 15 किलो वजन वाली इस साइकिल में खास एल्यूमिनियम के फ्रेम में 26 इंच के पहिए दिए गए हैं. हाइड्रोलिक डिस्क ब्रेक हैं. आगे पीछे एलईडी लाइट हैं और डायनेमो भी लगाया गया है. छह गियर वाली यह साइकिल हर गियर पर तेज रफ्तार पकड़ती है. वैसे इस कंपनी की साइकिल की कीमत भारत में 1 लाख 56 हजार से लेकर छह लाख तक है. यह चार से छह गियर में आती है.
साइकिल मैराथन में इस साइकिल ने इतनी रफ्तार पकड़ी कि बाइक पर साथ चले रहे सुरक्षाकर्मियों को भी स्पीड बढ़ानी पड़ी. हालांकि आयोजकों ने मैराथन में भाग लेने वालों को निर्देश दिए थे कि साधारण साइकिल ही प्रतियोगिता में शामिल होगी, गियर वाली नहीं.
महंगी साइकिल पर सवार होकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विपक्षी पार्टियों को एक बार फिर आलोचना का मौका दे दिया है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन कहते हैं कि महंगी मर्सिडीज साइकिल चलाकर अखिलेश यादव ने गरीबों और किसानों का मजाक उड़ाया है.