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नए कलेवर में अखिलेश यादव का रथ

विकास से विजय की ओर का नारा लेकर अखिलेश यादव का रथ यूपी की रणभूमि में कूच करने को तैयार है. मंगलवार को अखिलेश यादव का रथ बिल्कुल नए कलेवर में लोगों के सामने आया.

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3 नवंबर से शुरू होगी अखिलेश की रथयात्रा
3 नवंबर से शुरू होगी अखिलेश की रथयात्रा

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विकास से विजय की ओर का नारा लेकर अखिलेश यादव का रथ यूपी की रणभूमि में कूच करने को तैयार है. मंगलवार को अखिलेश यादव का रथ बिल्कुल नए कलेवर में लोगों के सामने आया.

अखिलेश यादव 3 नवंबर से चुनाव प्रचार के लिए अपना रथ लेकर निकलेंगे. पहली यात्रा लखनऊ से शुरू होकर उन्नाव तक जाएगी. उसके बाद अखिलेश यादव लखनऊ लौटाएंगे ताकि 5 तारीख को समाजवादी पार्टी के रजत जयंती समारोह में हिस्सा ले सकें.

बस में बदलाव करके बनाया गया बना हुआ अखिलेश यादव का रथ लाल और सफेद रंग का है. लाल रंग समाजवादी पार्टी का है. रथ के ऊपर अखिलेश यादव की साइकिल चलाते हुए बड़ी सी तस्वीर है. लेकिन जैसे अखिलेश यादव नए तौर तरीकों के लिए जाने जाते हैं उसी तरह रथ पर बनी उनकी साइकिल भी अलग है. सफेद कुर्ते पजामे में अखिलेश यादव लाल रंग की स्पोर्ट्स साइकिल चलाते हुए दिखाई देते हैं. हांलाकि समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह जो पुराने अंदाज की साइकिल है, उसकी भी तस्वीर रथ के ऊपर बनी हुई है.

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रथ के पीछे और दूसरी तरफ मुलायम सिंह की बड़ी सी तस्वीर लगी है. लेकिन समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की तस्वीर कहीं नहीं दिखाई देती. मुलायम सिंह यादव और अखिलेश के अलावा समाजवादी पार्टी के किसी और नेता की तस्वीर भी नहीं लगी हुई है. जिन तीन और लोगों की ब्लैक एंड वाइट तस्वीर रथ पर दिखाई देती है वह हैं राम मनोहर लोहिया जनेश्वर मिश्र और जयप्रकाश नारायण.

रथ के सामने बड़े बड़े अक्षरों में लिखा है समाजवादी विकास रथ और उसके नीचे समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल को दिखाया गया है.

गौर करने की बात यह है कि अखिलेश यादव और उनके समर्थक आजकल जिस दफ्तर से पार्टी का काम काज कर रहे हैं उसका भी नाम जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट ही है.

इसके अलावा रथ के ऊपर समाजवादी पार्टी की अलग अलग योजनाओं को दिखाया गया है जैसे डायल हंड्रेड, एंबुलेंस सेवा, वूमेन पावर लाइन और निशुल्क लैपटाप.

रथ भीतर से भी बेहद हाईटेक है. किसके भीतर हाइड्रोलिक लिफ्ट लगाई गई है जिसके जरिए अखिलेश यादव ऊपर आ कर लोगों को संबोधित कर सकते हैं और लोगों से बस से बाहर निकले बिना बातचीत कर सकते हैं. रथ के भीतर ही टॉयलेट का भी इंतजाम है और लंबे सफर के लिए आरामदायक सोफे लगाए गए हैं. मुख्यमंत्री चलते हुए काम काज कर सके इसके लिए भीतर ही टेबल भी लगी हुई है.

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3 तारीख से शुरू होनेवाली रथ यात्रा को सफल बनाकर अखिलेश यादव पार्टी के रजत जयंती समारोह से पहले सब को अपनी ताकत और लोकप्रियता का एहसास करा देना चाहते हैं.

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