उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक दंगों से मुस्लिमों के बीच प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार के विरोध में बने माहौल से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सारे नुस्खे आजमाने को तैयार हैं. अब वह मुस्लिम महिलाओं को सरकार की ओर से बांटी जाने वाली फ्री साडिय़ों की जगह सलवार सूट देने की तैयारी कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री को यह सलाह पिछले हफ्ते अमरोहा से आए मुस्लिम नेताओं के एक दल ने दी है. इस बारे में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का सकारात्मक रुख देखकर पंचायती राज विभाग गरीब मुस्लिम महिलाओं को सलवार सूट देने के लिए सरकारी कागजों को फिर से तैयार करने में जुट गया है.
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सपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में गरीब महिलाओं को एक साल में दो साडिय़ां फ्री में देने का वादा किया था. सरकार बनने के बाद पंचायती राज विभाग को ही फ्री साड़ी बांटने का जिम्मा सौंपा गया है. इस वर्ष के बजट में 800 करोड़ रुपए का प्रावधान करने के बाद पंचायती राज विभाग गरीब महिलाओं को फ्री साड़ी देने की योजना को अंतिम रूप देने में जुट गया है.
225 रुपये का होगा सूट
इस विभाग के एक बड़े अधिकारी बताते हैं कि गरीब महिलाओं को बांटी जाने वाली फ्री साड़ी की कीमत 225 रुपए तय की गई है. अब इसी कीमत का सलवार सूट गरीब मुस्लिम महिलाओं को फ्री देने का प्रावधान किया जाएगा. हालांकि सरकार के लिए सलवार सूट बांटना इतना आसान नहीं होगा.
लेकिन नाप कैसे मैनेज करेंगे?
सबसे बड़ी दिक्कत नाप की होगी. किस नाप का सलवार सूट महिलाओं को बांटा जाएगा. पंचायती राज विभाग के अधिकारी गरीब मुस्लिम महिलाओं को सलवार सूट का कपड़ा फ्री देने की योजना पर भी विचार कर रहे हैं जिसे लाभार्थी महिलाएं अपनी नाप के मुताबिक सिलवा सकेंगी लेकिन सिलवाई का खर्च कौन देगा? इसपर विभागीय अधिकारियों को कोई उपाय नहीं सूझ रहा. हालांकि विभागीय अधिकारियों के मुस्लिम महिलाओं को फ्री सलवार सूट देने के निर्णय के बाद इस पूरी योजना के प्रारूप को नए सिरे से तैयार करना होगा.
इस बात की भी संभावना है कि फ्री साड़ी या सलवार सूट देने की बजाय इसके लिए निर्धारित 225 रुपए गरीब महिलाओं को बांट दिए जाए जिनसे वे अपनी पसंद की साड़ी या सलवार सूट खरीद सकें.