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अखिलेश यादव पढ़ाएंगे कंप्यूटर, रामचंद्र होम साइंस!

उत्तर प्रदेश का बेसिक शिक्षा विभाग अपनी गलतियों से सीख लेने को तैयार ही नहीं है. दो महीने पहले फरवरी में विभाग में शिक्षकों के लिए हुए ऑनलाइन आवेदन में गलत नामों से रजिस्ट्रेशन कराया था. इस बार तो इन नामों में मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव का नाम ही शामिल कर लिया गया.

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अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश का बेसिक शिक्षा विभाग अपनी गलतियों से सीख लेने को तैयार ही नहीं है. दो महीने पहले फरवरी में विभाग में शिक्षकों के लिए हुए ऑनलाइन आवेदन में तमाम लोगों ने ओसामा बिन लादेन, बराक ओबामा जैसे गलत नामों से रजिस्ट्रेशन कराया था और इनमें आंकड़े भी फर्जी ढंग से भरे थे. मजे की बात तो यह थी कि विभाग ने इन दस्तावेजों की तहकीकात किए बगैर इंटरव्यू के लिए जारी की गई लिस्ट में इन फर्जी नामों को मेरिट में ऊपर का स्थान दिया था. यही कहानी एक बार फिर दोहराई गई है.

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इस बार भी यह कारनामा बेसिक शिक्षा विभाग में हुआ है. विभाग ने मार्च महीने में उच्च प्राथमिक विद्यालयों में आर्ट्स और फिजिकल एजुकेशन पढ़ाने के लिए 480 इंस्ट्रक्टर की तैनाती के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाए थे. पिछले हफ्ते इन आवेदनों के आधार पर इंटरव्यू के लिए विभाग द्वारा जारी मेरिट सूची में बस्ती जिले में जमकर गोलमाल दिखा. बस्ती जिले की सूची में दशरथ के पुत्र रामचंद्र को होम साइंस विषय में इंस्ट्रक्टर पद के लिए आवेदन करने वालों की मेरिट लिस्ट में पहली पोजीशन मिली है.

मेरिट लिस्ट के मुताबिक रामचंद्र सामान्य श्रेणी के आवेदक हैं और विकलांग भी हैं. उन्हें हाईस्कूल में 600 में 599 एवं इंटर में 500 में 499 नंबर मिले हैं. उनकी जन्म तिथि है 1 जुलाई 1979. दूसरी ओर कंप्यूटर एजुकेशन के लिए सेलेक्ट हुए अभ्यर्थियों की लिस्ट में पहले नंबर पर अखिलेश यादव पुत्र मुलायम यादव हैं. लिस्ट के मुताबिक अखिलेश पिछड़ा वर्ग के विकलांग कोटे से हैं. उनके हाईस्कूल में 599 और इंटर में 499 नंबर हैं. बस्ती के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के एक अधिकारी बताते हैं कि प्राथमिक जांच में ही ये नाम फर्जी पाए गए हैं.

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अधिकारी के मुताबिक चूंकि ऑनलाइन आवेदनों की स्‍क्रूटनी राजधानी लखनऊ स्थित बेसिक शिक्षा मुख्यालय में हुई थी, ऐसे में इन दोनों आवेदनों की विस्तृत जांच के लिए मामले को मुख्यालय भेज दिया गया है. बस्ती जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी मनभरन राम राजभर कहते हैं, 'आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन थी, इसलिए ऐसी गलती होना संभव है. मेरिट लिस्ट में दर्ज नामों का दोबारा वेरिफिकेशन कराया जा रहा है.'

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