केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मंत्री ने कहा कि मथुरा में शिवपाल यादव और अखिलेश जयगुरुदेव की संपत्ति पर कब्जा करना चाहते थे. यही नहीं, उन्होंने रामवृक्ष यादव को नेताओं का मोहरा भी करार दिया.
यूपी सरकार ने जानबूझकर की कार्रवाई में देरी
मथुरा कांड के बारे में उमा भारती ने कहा कि रामवृक्ष यादव अखिलेश के परिवार में ही किसी के मोहरे के रूप में काम कर रहा था. यही वजह थी कि पुलिस प्रशासन ने भी दो साल तक मथुरा के जवाहर
बाग में कार्रवाई नहीं करने दी. घटना वाले दिन भी जानबूझकर पुलिस कार्रवाई की अनुमति देने में देरी की गई.
रामवृक्ष जिंदा पकड़ा जाता तो बेनकाब होता अखिलेश परिवार
केंद्रीय मंत्री ने तो यहां तक आरोप लगाया है कि रामवृक्ष यादव अगर जिंदा पकड़ लिया जाता तो मुलायम सिंह यादव परिवार के कई लोग बेनकाब हो जाते. रामवृक्ष यादव को जिंदा पकड़ा जा
सकता था, मगर सब लोगों ने उसे अंदर ही मार डालने की पूरी योजना बनाई थी. उन्होंने कहा कि रामवृक्ष पकड़ा जाता तो अखिलेश परिवार की जय गुरुदेव की संपत्ति हथियाने की जो
दिलचस्पी थी, उसके असली तथ्य सामने आ जाते.
संदेह के दायरे में हैं खुद अखिलेश यादव
उमा भारती ने कहा कि लोगों के मारे जाने की संख्या को लेकर जो आंकड़ा दिया जा रहा है, उससे कई गुना ज्यादा लोग मारे गए हैं. उन्होंने कहा कि खुद अखिलेश यादव इन सारी घटना को
लेकर संदेह के दायरे में हैं. इसलिए उन्हें आगे बढ़कर मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करनी चाहिए.