उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधायकों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक 'इंटेलिजेंस टीम' तैयार की है. ये टीम 403 सदस्यों की है. अब अखिलेश की विशेष टीम पार्टी की गतिविधियों पर नजर रखेगी. ये टीम उत्तर प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र पर नजर रखेगी और रिपोर्ट अखिलेश यादव को देगी.
टीम स्वतंत्र रूप से बिना किसी एसोसिएशन के काम करेगी. इसमें किसी समाजवादी पार्टी के नेता की मौजूदगी नहीं होगी. टीम के सदस्यों को पार्टी में कोई पद नहीं दिया जाएगा. ये सदस्य सीधे अखिलेश यादव को रिपोर्ट करेंगे. इन सदस्यों की संख्या आने वाले दिनों में बढ़ाई जाएगी. हर विधानसभा क्षेत्र में तीन सदस्य होंगे, जो अखिलेश के काडर के तौर पर जाने जाएंगे.
समाजवादी पार्टी के राज्य महासचिव अरविंद सिंह गोपे ने कहा, 'हमने इस टीम में 403 युवाओं की भर्ती सोची है. ये लोग अखिलेश यादव से सीधे संपर्क में होंगे. ये लोग असल तस्वीर पेश करेंगे. सदस्य पूरे 403 होंगे, एक भी कम ज्यादा नहीं.'
इस टीम में सदस्यता की कुछ शर्तें होंगी. कोई भी सदस्य किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा नहीं होगा या समाजवादी पार्टी में भी उसका कोई पद नहीं होगा. वह पढ़ा-लिखा होना चाहिए और कंप्यूटर का जानकार होना चाहिए. इसके अलावा राजनीति की समझ होनी चाहिए और किसी भी नेता से उसका कोई संपर्क नहीं होना चाहिए.
इन सदस्यों के चुनाव के बाद इन्हें एक ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए उन्हें अखिलेश यादव से भी मिलवाया जाएगा और तभी उन्हें उनकी जिम्मेदारियों के बारे में बताया जाएगा. आपको बता दें कि विधायकों और नेताओं की लगातार शिकायतों से अखिलेश यादव परेशान हैं और उन्होंने फैसला किया है कि 100 सिटिंग एमएलए को टिकट नहीं देंगे.
इन 'इंटेलिजेंस ऑफिसर्स' की रिपोर्ट अखिलेश को फैसला लेने में मदद करेगी. ये सदस्य विधायकों के कामकाज पर नजर रखेंगे. ये प्रक्रिया अगले तीन महीनों में पूरी हो जाएगी. इनका चुनाव गोपे करेंगे और आखिरी फैसला अखिलेश का होगा.