उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनके वर्तमान एवं नए बनने वाले कार्यालय को 'पेपरलेस' बनाए जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि इससे कार्यों में पारदर्शिता आएगी तथा तेजी से निर्णय लेने में मदद मिलेगी. यह जानकारी सरकार के प्रवक्ता ने शनिवार को दी. प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने लोगों के पत्रों के त्वरित निस्तारण को दृष्टिगत रखते हुए अपने कार्यालय को पेपरलेस बनाने पर जोर दिया है.
प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री के इस निर्णय से फाइलों के गुम होने तथा निर्णय लेने की प्रक्रिया में विलम्ब होने से बचा जा सकेगा. इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारियों को पर्यवेक्षण करने में सुविधा भी होगी.
उन्होंने बताया कि इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कम्प्यूटर पर कार्य करने का आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रवक्ता ने कहा कि इस व्यवस्था से जहां कार्यालय में साफ-सफाई रहेगी, वहीं उपलब्ध स्थान का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा. पेपरलेस व्यवस्था होने से दूर-दराज क्षेत्रों में भी लोग अपनी फाइलों की अद्यतन जानकारी से अवगत हो सकेंगे.
प्रवक्ता के मुताबिक यह व्यवस्था प्रदेश के अन्य सभी कार्यालयों विशेषकर सचिवालय में भी लागू कर दी जाएगी. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से फाइलों के रख-रखाव एवं पेपर इत्यादि पर आने वाले बहुत बड़े खर्च को बचाया जा सकेगा तथा पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने में भी मदद मिलेगी.