उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ में कहा कि साइकिल हर उम्र की सवारी है. साइकिल चलाने से लोगों को बीच भाईचारा बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि लोग यह न समझें कि साइकिल उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न है, इसलिए वह इसे बढ़ावा दे रहे हैं.
अखिलेश यादव ने लखनऊ महोत्सव में आयोजित साइकिल रिले रेस को झंडा दिखाकर रवाना किया. 15 किलोमीटर का यह रेस जनेश्वर मिश्र पार्क से शुरू हुआ. मुख्यमंत्री ने ठंड और कोहरे के बावजूद प्रतिभागियों के पहुंचने पर उन्हें बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह पहली रेस है, लेकिन ऐसे साइकिल रेस का आयोजन आगे भी होता रहेगा.
लखनऊ महोत्सव के तहत आयोजित साइकिल रेस में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि रेस के दौरान प्रतिभागी एक-दूसरे की मदद करें.
सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि जैसे पहले महोत्सव में तांगा रेस थी, वैसे ही अब साइकिल रेस है. साइकिल तो आम जनता की सवारी है. इस पर भी विपक्षी दल सपा पर आरोप लगा रहे हैं, तो क्या सड़क पर चल रही सारी साइकिल बंद करा दें? विपक्ष के पास वैसे भी कोई काम नहीं है, वे तो बोलते रहते हैं.
गौरतलब है कि इससे पहले लखनऊ महोत्सव में तांगा रेस होता था, जिसे हटाकर पहली बार साइकिल रेस आयोजित की गई है. इसके पीछे जिला प्रशासन का तर्क है कि जानवरों के लिए काम करने वाले संगठनों के विरोध के कारण यह फैसला लिया गया है. वहीं, विपक्षी दल इसे लखनऊ की परंपरा के साथ खिलवाड़ मान रहे हैं. उनका कहना है कि सपा ने अपने चुनाव चिन्ह को प्रमोट करने के लिए यह फैसला लिया है.
तांगा रेस बंद करने के पीछे जिला प्रशासन इसमें घोड़ों के पीछे होने वाली क्रूरता को वजह बता रहा है. जिलाधिकारी राजशेखर के मुताबिक, जानवरों के लिए काम करने वाले संगठन इसका विरोध करते थे. इसको देखते हुए सामाजिक संगठनों की मांग को मान लिया गया है. इस बार इक्का-तांगा रेस का आयोजन नहीं किया जा रहा है.
---इनपुट IANS से