उत्तर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 मंगलवार को लागू हो गया है. इसका शुभारंभ सोमवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया. यह कानून लागू होने के बाद सभी परिवारों को 2 रुपये प्रतिकिलो की दर से गेहूं और 3 रुपये प्रतिकिलो की दर से चावल दिया जाएगा. इससे पहले अब तक अंत्योदय परिवार को ही इस रेट पर अनाज मिलता था. बीपीएल या एपीएल वालों को ज्यादा कीमत चुकानी होती थी.
15 करोड़ लोगों को फायदा
जानकारी के मुताबिक इस कानून के तहत हर महीने प्रति व्यक्ति को तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल दिया जाएगा. इससे पहले प्रदेश के कई जिलों में 1 जनवरी से ही यह कानून लागू था. इस मौके पर खाद्द एंव रसद विभाग के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग ने कहा कि अब यूपी में कोई परिवार भूखा नहीं सोएगा क्योंकि यूपी में 15 करोड़ की जनसंख्या को यह राशन उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होने कहा कि गरीबी और अमीरी डायनमिक है न कि स्टेटिक्स.
छोटे परिवारों को नुकसान
कानून में अंत्योदय श्रेणी के परिवारों को छोड़कर बाकी के लिए अनाज वितरण का मानक प्रति परिवार की जगह प्रति व्यक्ति कर दिया गया है. ऐसे में बीपीएल श्रेणी के परिवारों को प्रति परिवार प्रति माह 35 किलो गेहूं-चावल वितरण की व्यवस्था खत्म हो जाएगी. सिर्फ अंत्योदय परिवारों को पहले की तरह प्रति माह 35 किलो अनाज मिलेगा. नई व्यवस्था के तहत छोटे परिवारों को पहले की तुलना में कम अनाज मिलेगा. वहीं, जिन परिवारों में ज्यादा सदस्य हैं, उन्हें ज्यादा अनाज मिलेगा.
प्रदेश के इन जिलो में पहले से लागू है योजना
इससे पहले प्रदेश के 28 जिलों में 1 जनवरी से ही ये यह कानून लागू है. ये जिले आगरा, अमरोहा, औरैया, बागपत, बस्ती, बिजनौर, फर्रुखाबाद, फीरोजाबाद, बुलंदशहर, इटावा, गौतमबुद्ध नगर (नोएडा), गाजियाबाद, हापुड़, जालौन, झांसी, कन्नौज, कानपुर नगर, ललितपुर, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, संतकबीरनगर, सिद्धार्थ नगर, बुंदेलखंड, महोबा, चित्रकूट और हमीरपुर हैं बाकी के जिलो में मंगलवार से ये कानून लागू दिया गया है.