समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने ओमप्रकाश राजभर और चाचा शिवपाल यादव को लेकर बयान दिया है. वाराणसी में अखिलेश यादव ने कहा कि चाचा शिवपाल को लगता है कि उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा है. इसलिए अखिलेश ने उन्हें आजाद किया है.
अखिलेश ने कहा कि शिवपाल जो भी करना चाहते हैं, उन्हें करना चाहिए. अगर वह लोहिया की सोच को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो अपना दल बनाकर उन्हें यह करना चाहिए. अखिलेश ने सपा गठबंधन के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश चुनाव लड़ने वाले ओमप्रकाश राजभर पर भी टिप्पणी की.
अखिलेश ने कहा कि राजभर तो यहां पर हैं, लेकिन उनके अंदर आत्मा किसी और की है. इसलिए जैसे गांव देहात में झाड़-फूंक होता है, उसी तरह से उनकी (राजभर) की भी झाड़-फूंक करवानी पड़ेगी. राजभर को सुरक्षा देने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि जो बीजेपी को खुश करेगा उसे ही सुरक्षा मिलेगी.
इससे पहले समाजवादी पार्टी ने 23 जुलाई को एक खुला खत लिखा था. इसमें शिवपाल सिंह यादव को जवाब दिया गया था. सपा ने पत्र में साफ कहा था कि शिवपाल कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं. पार्टी ने लिखा था- माननीय शिवपाल सिंह यादव जी, अगर आपको लगता है, कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं. बता दें कि शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव पर सम्मान ना देने का आरोप लगाया था. इसके जवाब में ही सपा ने चाचा शिवपाल को लिखकर जवाब दिया था.
इसके साथ ही सपा ने ओमप्रकाश राजभर को भी चिट्ठी लिखी थी. इसमें राजभर को पार्टी छोड़ने का साफ संकेत दे दिया गया था. पत्र में लिखा गया था- ओमप्रकाश राजभर जी, समाजवादी पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रही है. आपका भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ है और लगातार भाजपा को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं. अगर आपको लगता है, कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं.