सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी रिश्तेदार और सपा से तीन बार विधायक रहे रामेश्वर सिंह यादव इन दिनों जेल में हैं. उन पर एटा, अलीगंज और जैथरा थाने में गैंगस्टर एक्ट सहित 77 मुकदमे दर्ज हैं. रामेश्वर के अधिवक्ता बेटे डॉ. सुबोध यादव पिता के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन अब उन पर भी पुलिस ने शिकंजा कसा है. एक ही दिन में तीन एफआईआर उनके खिलाफ भी दर्ज हो गईं.
डॉ. सुबोध कहते हैं कि उनके पिता तीन बार विधायक रहे हैं. इस बार भी विधानसभा चुनाव में एक लाख वोट पाकर बहुत कम अंतर से हारे हैं. इसी वजह से उनके पिता यूपी सरकार के निशाने पर हैं, लेकिन उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है. पिता के केस की पैरवी डॉ. सुबोध यादव खुद इलाहाबाद हाई कोर्ट और लखनऊ बेंच में कर रहे हैं.
aajtak.in से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई के खिलाफ पूरा परिवार और समर्थक संघर्ष कर रहे हैं और कोर्ट से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं. बदले की राजनीति को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए. अपने पिता का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि पहली बार नहीं हुआ है, जब उनके पिता पर पुलिस ने कोई एक्शन लिया हो. मायावती की सरकार में भी उन पर 15 दिन में कई दर्जन मुकदमे दर्ज हुए थे. तीन बार गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया, लेकिन तीनों ही बार वे कोर्ट से बरी होकर निकले. इस बार भी उन्हें कोर्ट से इंसाफ का पूरा भरोसा है.
योगी सरकार की सत्ता में वापसी के बाद जिला प्रशासन ने पूर्व सपा विधायक रामेश्वर सिंह यादव और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह यादव और उनकी पत्नी रेखा यादव (वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष) के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी अचल संपत्ति पर बुलडोजर चलवा दिया. रामेश्वर सिंह यादव और उनके भाई जोगिंदर सिंह यादव सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के सगे रिश्तेदार हैं.
रामेश्वर सिंह यादव लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. सपा मुखिया से रिश्तेदारी होने के कारण एटा और आस-पास के जनपदों की राजनीति में दोनों भाइयों की अच्छी पकड़ रही है. रामेश्वर सिंह यादव अलीगंज विधानसभा से तीन बार सपा विधायक रहे हैं. वहीं जोगिंदर सिंह यादव दो बार सपा से जिला पंचायत अध्यक्ष रहे हैं. वर्तमान में उनकी पत्नी रेखा यादव जिला पंचायत अध्यक्ष हैं.