उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर बसपा के समर्थन से सपा की जीत से पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के हौसले बुलंद है. उन्होंने कहा कि ये जीत जनता के सहयोग से मिली है. अखिलेश ने कांग्रेस साथ गठबंधन के सवाल पर कहा कि कांग्रेस से हमारे संबंध पहले की तरह अभी भी अच्छे हैं. हम दोनों (अखिलेश-राहुल) नौजवान हैं. साथ ही कहा- उपचुनाव में मिली जीत पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुझे बधाई दी है. मैंने भी उन्हें धन्यवाद कहा.
भविष्य पर नजर
गोरखपुर उपचुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने बसपा द्वारा सपा उम्मीदवार को दिए गए समर्थन पर स्वर्थबंधन कहा था. राज बब्बर के बयान पर अखिलेश ने कहा कि कहा कि पुरानी बातों को छोड़िए. अब भविष्य की ओर देखिए. हालांकि अखिलेश ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर उन्होंने कोई बात नहीं कही. बस कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी के साथ पहले की तरह संबंध अच्छे हैं.
यूपी की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर बसपा के समर्थन से सपा ने जीत दर्ज की है. सपा और बसपा 25 साल के बाद एक दूसरे के साथ आए हैं. इससे पहले 1993 में कांशीराम और मुलायम सिंह ने मिलकर राम मंदिर आंदोलन की लहर को रोका था. उसी तर्ज पर अखिलेश और मायावती की जोड़ी सफल रही है.
2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने गठबंधन करके मैदान में उतरे थे. इसे यूपी के लड़कों की जोड़ी तक गया था. इसके बावजूद विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था. 2017 के चुनाव मे सपा 232 सीट से घटकर 47 पर और कांग्रेस 7 सीटों पर सिमट गई थी.
दो महीने पहले गठबंधन अखिलेश के लिए था समय की बर्बादी
गौरतलब है कि अखिलेश यादव इसी साल जनवरी के महीने में पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा था कि 2019 के लिए अभी तक मैं किसी पार्टी के साथ गठबंधन की नहीं सोच रहा हूं. गठबंधन और सीट शेयरिंग पर बात कर मैं अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहता. अखिलेश ने ये भी कहा कि मैं किसी भ्रम में नहीं रहना चाहता हूं.
उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाले दलों के साथ 'दोस्ती' के दरवाजे खुले हैं. ऐसे में समान विचारधारा वाली पार्टी गठबंधन के लिए हाथ बढ़ाती है, तो मैं कर सकता हूं. अखिलेश ने कहा कि 2019 में लोकसभा चुनाव है. मौजूदा समय में हम प्रत्येक सीट पर उम्मीदवारों के चयन के लिए स्थानीय समीकरणों के माध्यम से काम कर रहे हैं.