अलीगढ़ के टप्पल में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि लड़ाई भले ही किसानों की हो लेकिन हम ईमानदारी से किसानों के साथ जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसान खेती न करे तो जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती है. खेती नहीं होगी तो खाना नहीं होगा. इसलिए खेत और किसान हमारा जीवन चलाते हैं. वैश्विक महामारी में जो घर से निकला वो सिर्फ किसान था.
अखिलेश यादव ने कहा कि हमारा देश बर्बादी की कगार पर चला जाता अगर वैश्विक महामारी में किसान काम नहीं करता. किसानों को दिल्ली में घुसने नहीं दिया गया, उसे अपमानित किया गया. लेकिन किसान मजबूत हुआ और सरकार से लड़ने को तैयार हुआ. सरकार ने किसान और ट्रैक्टर दोनों का सम्मान नहीं किया. किसानों के लिए सड़क पर कीलें लगा दीं. आरसीसी की दीवार बना दी. लेकिन यही किसान समय आने पर ऐसी ठोकर मारेंगे की इनको सत्ता से बेदखल कर देंगे.
उन्होंने कहा कि हम समाजवादी हैं, लाल टोपी पहनने वाले किसान हैं. भाजपा के लोग जान लें नेताजी अगर धरती पुत्र हैं तो हम समाजवादी लोग भी धरती पुत्र हैं. एमएसपी की व्यवस्था को भाजपा के लोग खराब कर रहे हैं. हमारे मुख्यमंत्री को नहीं पता मक्का कितने में बिका. किसान को घाटा, उद्योगपतियों को मुनाफा. पीएम का राज्यसभा में भाषण सुना. पीएम ने कहा एमएसपी थी है रहेगी? हमें लोकसभा में बोलने का मौका मिला, हमने पूछा राष्ट्रपति जहां के हैं वहां एमएसपी कहां है?
अखिलेश यादव ने कहा कि सीएम अब काले गाजर के हलवे की चिंता कर रहे हैं हमारे धान की चिंता नहीं है. हमने एक्सप्रेसवे के किनारे 100 एकड़ जमीन मंडी के लिए ली थी. योगा के चक्कर में हम भी फंस गए. हमने ग्रेटर नोएडा में बाबा रामदेव को जमीन दे दी. सरकार आएगी तो इसी एक्सप्रेसवे के किनारे मंडी बनाएंगे. उज्ज्वला सिलिंडर 1000 के पास पहुंच गया. डीजल-पेट्रोल के दाम में आग लगी हुई है. युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है. इस बार युवा ही सरकार का घमंड तोड़ देंगे. ये कहते हैं विश्व गुरु बनेंगे, बिना किसान के कैसे बनेंगे? अमेरिका किसान को घाटे में नहीं जाने देता. सीएम योगी ने लैपटॉप नहीं बांटे क्योंकि वह चलाना ही नहीं जानते हैं.