मुजफ्फरनगर दंगे के बाद यूपी में अपनी समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार के खिलाफ बने माहौल से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गरीब महिलाओं को फ्री साड़ी बांटने की योजना को हर हाल में एक शुरू करने का निर्देश दिया है.
2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान सपा ने अपने घोषणा पत्र में गरीब महिलाओं को एक वर्ष में दो साड़ियां फ्री देने का वादा किया था. सरकार बनने के डेढ़ साल बीतने के बाद भी यह योजना कई वजहों से हकीकत में नहीं उतर पा रही थी. इस साल फरवरी में पारित सरकार के बजट में फ्री साड़ी बांटने के लिए 800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था लेकिन साड़ियों का रंग, उनकी लंबाई को लेकर एक राय न बनने से योजना अधर में लटकी थी.
इस योजना के संचालन की जिम्मेदारी पंचायती राज विभाग को दी गई थी. बुधवार, 25 सितंबर की शाम मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अचानक अपने सरकारी आवास 5, कालीदास मार्ग पर पंचायती राज मंत्री बलराम यादव समेत अन्य विभागीय अधिकारियेां की बैठक बुलाई. बैठक में अखिलेश यादव ने हर हाल में अक्टूबर में गरीब महिलाओं को फ्री साड़ी बांटने की इस योजना को शुरू करने का आदेश दिया.
बैठक में शामिल एक अधिकारी बताते हैं कि सबसे बड़ी समस्या साड़ी के रंग को लेकर आ रही थी. यह तय हुआ है कि साड़ी का रंग ऐसा कतई न हो जिससे वह किसी राजनीतिक पार्टी के झंडे के रंग से मेल खाता हो. अधिकारी बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने फ्री बंटने वाली साड़ियों का रंग ऐसा रखने की सलाह दी है जिससे वह गंदी न दिखे.
पंचायती राज मंत्री बलराम यादव बताते हैं, 'अगले महीने हर हाल में यह योजना शुरू कर दी जाएगी. तिथि और योजना के उद्घाटन स्थल के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है. उम्मीद है अक्टूबर के अंतिम हफ्ते में इटावा, कन्नौज, आजमगढ़ और मैनपुरी में से किसी एक जिले से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव फ्री साड़ी बांटने की योजना की शुरुआत करेंगे.'