उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज गुरुवार से शुरू हो रहा है. कोरोना को देखते हुए कई खास प्रबंध किए गए हैं. दूसरी ओर विपक्ष ने भी एक साथ कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी की है. इसका संकेत गुरुवार को समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में दिया. अखिलेश ने कहा कि सरकार को कोरोना से लेकर बेकारी और बेरोजगारी तक के मुद्दे पर जवाब देना होगा.
अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में लिखा, ''उप्र विधानसभा का ये सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक होगा. सरकार को कोरोना, बेकारी-बेरोज़गारी, जातीय उत्पीड़न व बदहाल क़ानून-व्यवस्था के मोर्चे पर विपक्ष के साथ अपने लोगों के सवालों का भी जवाब देना होगा. भाजपा सरकार की ठोको-नीति सुलह के स्थान पर ‘आंतरिक कलह’ का कारण बन गई है.''
उप्र विधानसभा का ये सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक होगा. सरकार को कोरोना, बेकारी-बेरोज़गारी, जातीय उत्पीड़न व बदहाल क़ानून-व्यवस्था के मोर्चे पर विपक्ष के साथ अपने लोगों के सवालों का भी जवाब देना होगा.
भाजपा सरकार की ठोको-नीति सुलह के स्थान पर ‘आंतरिक कलह’ का कारण बन गयी है. pic.twitter.com/qsaknjHA9W
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 20, 2020
अखिलेश यादव यूपी में कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार को अक्सर घेरते रहे हैं. मंगलवार को उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि भाजपा के अपने सांसद-विधायक क़ानून-व्यवस्था को लेकर ख़ुद की ही सरकार के शासन-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, उधर अपराध नहीं रुक रहे हैं. फ़िरोज़ाबाद से व्यापारी समाज के एक व्यक्ति को ज़िंदा जलाने की दुखद ख़बर आई है. लगता है प्रदेश की लगाम गलत लोगों के हाथ में चली गई है.
इसी के साथ उन्होंने सरकार से मांग की कि प्रदेश में कोरोना के विस्तार और प्रकोप को देखते हुए विधानसभा सत्र से पहले सभी जनप्रतिनिधियों के लिए कोरोना से बचाव के समुचित प्रबंध किए जाएं. अब जब गुरुवार को मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है तो सरकार ने इसके लिए कई इंतजाम किए हैं. सदन के अंदर विधायकों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. समय-समय पर सैनिटाइजेशन की भी व्यवस्था है. साथ ही 65 साल से ऊपर के विधायकों को घर से काम करने की बात कही गई है. ऐसे विधायक वर्चुअल तौर पर कार्यवाही में हिस्सा ले सकते हैं.