scorecardresearch
 

मुजफ्फरनगर में मरहम लगाने पहुंचे अखिलेश, मृतकों के परिजनो को देंगे नौकरी

मुजफ्फरनगर दंगों के लिए चौतरफा आलोचना झेल रहे यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विपक्षी दलों पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. उन्‍होंने दंगे में मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी देने का एलान किया. कुछ जगह उन्‍हें काले झंडे भी दिखाए गए.

Advertisement
X
अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

मुजफ्फरनगर दंगों के लिए चौतरफा आलोचना झेल रहे यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विपक्षी दलों पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. उन्‍होंने दंगे में मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी देने का एलान किया. कुछ जगह उन्‍हें काले झंडे भी दिखाए गए.

Advertisement

मुजफ्फरनगर के दंगा पीड़ित गांव में हताहत हुए लोगों के परिजनों से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने कहा, ‘यह एक अत्यंत दुखद घटना है. कुछ राजनीतिक दलों ने वातावरण भड़काया और दुष्प्रचार किया. यह देशद्रोह जैसा कृत्य है, दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई होगी.’ उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ तत्वों द्वारा सोशल मीडिया के जरिए फर्जी, भ्रामक और माहौल बिगाड़ने वाली सामग्री प्रसारित की गयी.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह माहौल बिगाड़ने में लगे तत्त्वों की पहचान करें. हम दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करेंगे और दंगाइयों के विरुद्ध 'रासुका' लगायी जायेगी.’ दंगे के बाद पुलिस द्वारा की गयी तलाशी में ए. के. 47 राइफल के कारतूस तक मिलने के बारे में सवाल होने पर अखिलेश ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है. प्रशासन को सतर्क और चौकस रहने की जरूरत है और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

Advertisement

दंगों में मारे गये लोगों की संख्या के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 39 मौतों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि पांच के बारे में संदेह है.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सरकार ने 27 अगस्त को कवाल गांव में हुई घटना के बाद से सारे घटनाक्रम की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है. जांच आयोग की रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी पाये जायेंगे उनके खिलाफ कानून के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी.’

सरकार की ओर से अधिकारियों पर किसी तरह का दबाव होने के बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘अधिकारियों को कानून के तहत कार्रवाई करने की पूरी आजादी है. सरकार किसी को भी माहौल बिगाड़ने की ढील नहीं दे सकती. स्थिति पर काबू पाना सरकार की पहली प्राथमिकता थी और यही वजह है कि सेना की सहायता लेने के बारे में बिना किसी हिचकिचाहट के तुरंत निर्णय किया गया.’

दंगे भड़कने से पहले सुखेड़ा गांव में हुई पंचायत में कुछ बीजेपी विधायकों सहित कई लोगों द्वारा भड़काऊ भाषण दिये जाने के मामले में मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच चल रही है और दंगे भड़काने के लिए जो भी दोषी पाये जायेंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा .उन्होंने कहा, ‘समाजवादी पार्टी ने हमेशा सांप्रदायिक ताकतों को कमजोर किया है और उनके खिलाफ लड़ती रही है. दंगे भड़कने के बाद से मैं लगातार स्थानीय प्रशासन और पार्टी के स्थानीय नेताओं के संपर्क में रहा. उनसे लगातार सूचनाएं ली और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव कदम उठाये गये.’

Advertisement

स्थानीय लोगों की इस शिकायत पर कि वे उनसे नहीं मिले, मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने 27 अगस्त को कवाल गांव में मारे गये तीनों लोगों शहनवाज, गौरव और सचिन तथा पत्रकार राजेश वर्मा के परिजनों से भेंट की और उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया. यह पूछे जाने पर कि जिले में दंगा भड़काने के लिए क्या बाहर से भी लोगों के आने की कोई जानकारी है, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच चल रही है और उसके बाद ही इस सवाल का उत्तर मिल पायेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार दंगा पीड़ितों को हरसंभव सहायता देगी, जो मारे गये हैं अथवा जो घायल हुए हैं उनके परिजनों को आर्थिक सहायता दी जा रही है और जिनकी संपत्ति का नुकसान हुआ है उसकी भी भरपाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि इन दंगों पर राजनीति बंद हो, गांव के समझदार और बुजुर्ग लोग आपस में मिल बैठ कर सौहार्द बहाल करने की कोशिश करें.

इससे पूर्व हताहत हुए लोगों के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे मुख्यमंत्री अखिलेश को कवाल गांव में काले झंडे दिखाये गये और नाराज लोगों ने सरकार तथा प्रशासन के विरोध में जोरदार नारेबाजी की. कवाल गांव पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने दंगों के लिए सरकार और प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाए और उनके खिलाफ नारेबाजी की. स्थानीय लोगों का आरोप था कि मुख्यमंत्री ने केवल बाहरी लोगों से भेंट की और गांव के लोगों से न तो बातचीत की और न ही उनके ज्ञापन लिए.

Advertisement

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘जो हुआ वह अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. हिंसा में जिन परिवारों के बेटे मारे गए अथवा घायल हुए उनके लिए ही नहीं बल्कि हम सब के लिए यह बहुत दुखद है.’ अखिलेश कवाल के बाद दंगों में हताहत हुए लोगों के परिजनों से मिलने मलिकपुरा और कांधला गांव में भी गये.

अखिलेश ने दंगों में हताहत हुए लोगों के परिजनों से मिलने के बाद कहा, ‘मैंने दंगों में हताहत हुए लोगों के परिवार वालों से मिलकर उनकी तकलीफ सुनी और उन्हें पूरे न्याय का भरोसा दिलाया है.’

उत्तर प्रदेश विधानमंडल के सोमवार से शुरू हो रहे वर्षाकालीन सत्र में इस मुद्दे को लेकर हंगामा तय है और इस लिहाज से मुख्यमंत्री का यह दौरा खासा महत्वपूर्ण माना जा रहा है. मुख्यमंत्री के दौरे को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और इसी सप्ताह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी दंगा प्रभावित इलाकों के दौरे पर पहुंचने वाले हैं.

Advertisement
Advertisement