28 सितंबर को हुए दादरी कांड में भीड़ के हाथों मारे गए इखलाक का परिवार घटना की सीबीआई जांच नहीं चाहता है. रविवार को यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का शुक्रिया अदा करने पहुंचे इखलाक के परिवार ने यूपी पुलिस की जांच पर पूरा भरोसा जताते हुए इस घटना की जांच सीबीआई को गैरजरूरी बताया.
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इखलाक के बेटे मोहम्मद सरताज ने कहा, 'मुझे लगता है कि प्रदेश सरकार इस मामले में बेहतर जांच कर रही है. इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की फिलहाल कोई जरूरत नहीं लगती. मैं पूरी तरह से पुलिस जांच और प्रदेश सरकार से संतुष्ट हूं.'
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इससे पहले एक दिसंबर को असहिष्णुता पर लोकसभा में बहस के दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि असहिष्णुता के आरोपों की जड़ में दरअसल दादरी कांड ही है. अगर यूपी सरकार चाहे और सिफारिश करे तो घटना की जांच सीबीआई को सौंपी जा सकती है. राजनाथ के इस बयान के बाद से गेंद यूपी सरकार के पाले में आ गई थी. ऐसे में माना जा रहा है कि इखलाक के परिवार के जरिए सीबीआई जांच को गैरजरूरी कहलवा कर सीएम अखिलेश यादव ने दादरी मामले के दोबारा तूल पकड़ने की अटकलों को विराम लगा दिया है. हालांकि इखलाक के परिवार की मुख्यमंत्री से दो बार मुलाकात करा चुके समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशू मलिक इस मुलाकात को राजनीति से परे बताते हैं.
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समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशू मलिक ने कहा, 'दरअसल दानिश जब से अस्पताल से बाहर आया था वो तभी से चाहता था कि वो खुद सीएम साहब से मिल कर उनका शुक्रिया अदा करे. इसलिए इखलाक का परिवार सीएम साहब से मिलने आया था. जहां तक की सीबीआई जांच की बात उठाई जा रही थी तो उन्होंने बिल्कुल साफ कर दिया कि उन्हें सरकार और पार्टी पर पूरा भरोसा है. उन्हें अब कोई और जांच नहीं चाहिए.
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सीएम से मुलाकात के लिए पिछले दो महीनों से अस्पताल में भर्ती मृतक इखलाक का छोटा बेटा दानिश भी मौजूद था. सीएम के आदेशों पर दानिश के इलाज का पूरा खर्च यूपी सरकार ही उठा रही है. भीड़ के हमले में गंभीर रूप से घायल दानिश भी यूपी सरकार सीएम अखिलेश यादव की मदद और परिवार को इंसाफ दिलाने की कोशिशों से संतुष्ट दिखा. इखलाक के छोटे बेटे दानिश ने कहा, 'उन्होंने मुझे बुलाया और पूछा कि कैसे चोट लगी, कितनी चोट लगी. मैं अपने सीएम सर का तहे दिल से धन्यवाद करता हूं. उन्होंने मुझे बुलाया मुझसे मिले. मैं उनका दिल से शुक्रिया अदा करता हूं.'
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ये दूसरी बार था जब सीएम अखिलेश यादव ने मृतक इखलाक के परिवार से मुलाकात की. इससे पहले दादरी कांड के पांच दिन बाद ही परिवार के लोग सीएम से उनके सरकारी आवास पर आकर मिले थे. उसी दौरान यूपी सरकार की ओर से परिवार को अलग अलग मददों में 45 लाख का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और सरकार की ओर से अपनी पसंद की किसी भी जगह पर मकान दिलाने का वादा किया गया था. चूंकि परिवार उस हादसे के बाद बिसहाड़ा गांव लौट कर नहीं जाना चाहता था.