अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मौजूदा रजिस्ट्रार प्रोफेसर जावेद अख़्तर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. एएमयू कुलपति तारिक मंसूर ने जावेद अख्तर के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है. इसके बाद वे अब एएमयू के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन बतौर प्रोफेसर जल्द ज्वाइन कर सकते हैं.
बता दें कि रजिस्ट्रार पद से जावेद अख़्तर के इस्तीफा देने की वजह पता नहीं चल सकी है. जबकि सूत्रों की मानें तो उन्होंने अपना इस्तीफा काफी पहले ही दे दिया था, जिसे अब स्वीकार किया गया है. तारिक मंसूर के एएमयू कुलपति बनाए जाने के बाद ही जावेद अख्तर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
दरअसल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जमीरुद्दीन शाह की जगह 2017 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के कुलपति बनने वाले नामों में जावेद अख्तर का नाम भी शामिल था.
AMU एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने कुलपति पद के लिए जिन पांच नामों को भेजा था. उनमें वेलकम ट्रस्ट और डीबीटी इंडिया एलायंस के सीईओ शाहिद जमील, प्रो, तारिक मंसूर, अमेरिका-भारत नीति संस्थान के कार्यकारी निदेशक और चीफ स्कॉलर अबु सलेह शरीफ, प्रोफेसर जावेद अख्तर और जीवाजी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मुजाहिद किदवई के नाम शामिल थे.
इसके बाद AMU कोर्ट ने इन पांच नामों में से तीन नाम राष्ट्रपति के पास भेजा था, उनमें प्रो. जावेद अख्तर और प्रो. मुजाहिद किदवई के नाम को हटा दिया गया था. इसके बाद तीन नाम बचे थे, जिनमें से तारिक मंसूर के नाम पर मुहर लगी थी.
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (UGC) के नियमों के तहत यूनिवर्सिटी का कुलपति वही व्यक्ति हो सकता है, जिसने प्रोफेसर के तौर पर बच्चों को पढ़ाया हो. लिहाजा अबु सलेह और शाहिद जमील के पास प्रोफेसर का अनुभव न होने के कारण तारिक मंसूर के नाम का चुनाव किया गया.