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भारत में कोई अल्पसंख्यक नहीं, सभी हिंदू हैं: आरएसएस

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने गुरुवार को कहा कि जिस अल्पसंख्यक शब्द की चर्चा बार-बार की जाती है, वे भी संघ की शाखाओं में आते हैं और देशसेवा का व्रत लेते हैं. उन्होंने साफतौर पर कहा कि भारत में कोई भी व्यक्ति अल्पसंख्यक नहीं है, हर व्यक्ति हिंदू है.

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मनमोहन वैद्य
मनमोहन वैद्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने गुरुवार को कहा कि जिस अल्पसंख्यक शब्द की चर्चा बार-बार की जाती है, वे भी संघ की शाखाओं में आते हैं और देशसेवा का व्रत लेते हैं. उन्होंने साफतौर पर कहा कि भारत में कोई भी व्यक्ति अल्पसंख्यक नहीं है, हर व्यक्ति हिंदू है.

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आरएसएस यह बात लंबे समय से कहता आ रहा है. वैद्य ने कहा, 'आरएसएस धर्म या जाति आधारित आंकड़े नहीं रखता और न ही किसी को अल्पसंख्यक मानता है.' उन्होंने कहा, 'आम लोगों का झुकाव संघ की ओर तेजी से बढ़ा है. वर्ष 2012 में संघ की साइट पर हर महीने एक हजार लोग इससे जुड़ना चाहते थे और समाज व राष्ट्र के लिए कुछ करने की मंशा रखते थे. लेकिन वर्ष 2013 में यह संख्या बढ़कर 13 हजार के आंकड़े को पार कर गई थी. इस वर्ष भी लोगों का रुझान संघ में बढ़ा है.'

उन्होंने कहा कि संघ से जुड़ने वालों को प्रशिक्षित करने के लिए सात दिनों का प्राथमिक शिक्षा वर्ग आयोजित होता है. लेकिन अब संख्या में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए संघ ने एक दिन का संघ परिचय वर्ग आयोजित किया जा रहा है. परिचय वर्ग में आने वालों की संख्या संघ शिक्षा वर्ग से चार गुनी अधिक आ रही है. यह संख्या आरएसएस की बढ़ती हुई लोकप्रियता को बयां रही है.

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एक प्रश्न के जवाब में वैद्य ने कहा, 'अब तक ऐसी कोई बात सामने नहीं है, जिससे कहा जा सके कि प्रस्ताव पारित होगा. अगले दो दिनों की बैठक में चर्चा करने के बाद सूरत बनी तो प्रस्ताव भी पारित होंगे.' वैद्य ने बताया कि आरएसएस की कार्यकारी मंडल की बैठक में देशभर में काम कर रहे 33 संगठनों के कार्य कर रहे 390 स्वयंसेवक हिस्सा लेने के लिए लखनऊ आए हैं. इनके अनुभवों के आधार पर आगामी कार्य योजना बनाई जाएगी.

इनपुटः IANS

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