scorecardresearch
 

धर्मांतरण और जनसंख्या नियंत्रण कानून के विरोध में शिया पर्सनल लॉ बोर्ड, CM योगी से मिलेंगे

बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सायम मेहंदी ने कहा कि अगर ऐसा कानून बनता है तो पहले यह कानून देश के एमएलए, एमएलसी और नेताओं पर लागू होना चाहिए. कोई भी कानून पूरे देश के लिए होना चाहिए न कि सिर्फ एक प्रदेश के लिए.

Advertisement
X
बोर्ड की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते पदाधिकारी
बोर्ड की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते पदाधिकारी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की लखनऊ में हुई मीटिंग
  • वसीम रिजवी के खिलाफ एकजुट हुआ बोर्ड, बायकॉट का ऐलान

उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट जारी किया था. अब जनसंख्या नियंत्रण कानून के साथ ही धर्मांतरण कानून का भी ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध किया है. शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की सोमवार को राजधानी लखनऊ के सुल्तान उल मदरसे में बैठक हुई. इस बैठक में अधिकतर सदस्यों ने इन दोनों कानूनों का विरोध किया.

Advertisement

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि धर्मांतरण और जनसंख्या नियंत्रण कानून के साथ ही हुसैनाबाद ट्रस्ट जैसे मुसलमानों से जुड़े मसलों को लेकर बोर्ड का एक डेलीगेशन जल्द ही सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेगा.

बोर्ड का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून पर यूपी सरकार को दोबारा गौर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड जनसंख्या नियंत्रण कानून का विरोध करता है. बोर्ड प्रदेश सरकार से मांग करता है कि वह इस कानून की बजाए प्रदेश में शिक्षा के स्तर को ऊंचा करे, स्कूल-कॉलेज खोले ताकि जनता में जागरुकता उत्पन्न हो.

बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सायम मेहंदी ने कहा कि अगर ऐसा कानून बनता है तो पहले यह कानून देश के एमएलए, एमएलसी और नेताओं पर लागू होना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई भी कानून पूरे भारत देश के लिए होना चाहिए न कि सिर्फ एक प्रदेश के लिए. उन्होंने सरकार पर तंज करते हुए कहा कि जब उत्तर प्रदेश में चुनाव को मात्र छह महीने रह गए हैं, ऐसे में यह कानून लाना सियासत से जुड़ा लगता है.

Advertisement

बोर्ड की बैठक में उठा धर्मांतरण का मुद्दा

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक में धर्मांतरण का मुद्दा भी उठा. बोर्ड ने इस मुद्दे पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि धर्म परिवर्तन की आड़ लेकर कुछ लोग इस्लाम को निशाना बनाते हैं जिसकी बोर्ड सख्त अल्फाज में मजम्मत करता है. अगर कोई अपनी मर्जी से बगैर जोर-जबरदस्ती के इस्लाम कुबूल करे तब तो वह मुसलमान है वरना किसी लालच या जोर-जबरदस्ती या दबाव में उसको मुसलमान हरगिज नहीं बनाया जा सकता. इस्लाम मजहब इसकी इजाजत नहीं देता है.

वसीम रिजवी के खिलाफ एकजुट हुआ बोर्ड

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में वसीम रिजवी का मुद्दा भी गर्म रहा. वसीम रिजवी के विवादित बयानों को लेकर बोर्ड के सभी सदस्यों ने नाराजगी जताई और उनका बायकॉट करने की बात भी कही. वसीम रिजवी के मुद्दे पर बोर्ड ने अपना पक्ष साफ करते हुए कहा कि कुरान और इस्लाम की तौहीन करने वाला इस्लाम से खारिज हो जाता है. इस सिलसिले में ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील यह अपील भी किया कि वसीम रिजवी के विवादित बयानों पर पाबंदी लगाएं और उनके खिलाफ कार्रवाई करें.

Advertisement

यूपी चुनाव को लेकर भी साफ किया रुख

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने साल 2022 में होने जा रहे यूपी के विधानसभा चुनाव को लेकर भी बोर्ड का रुख साफ किया है. अब्बास ने कहा कि बोर्ड किसी सियासी पार्टी की हिमायत में कोई बयान जारी नहीं करता है लेकिन जो सियासी पार्टी बोर्ड के मेनिफेस्टो के हिसाब से शिया कौम के मसले मसाइल पर गौर करेगी, बोर्ड भी उसके बारे में गौर करेगा.

 

Advertisement
Advertisement