रेलवे स्टेशन. रेल यात्रियों की भीड़ और उस भीड़ के बीच फल बेचती एक महिला. तभी नशे में धुत एक शख्स महिला से छेड़छाड़ करता है. महिला विरोध करती है और आरोपी की चप्पलों से पिटाई करती है. पुलिस आती है और आरोपी को गिरफ्तार कर ले जाती है, लेकिन इसके बाद जो सच सामने आता है वह खाकी को दागदार करने वाला है.
यह घटना यूपी के इलाहाबाद की है. वह इलाहाबाद जहां संस्कृति के नाम पर लोग डुबकियां लगाते हैं, लेकिन यहीं पर रक्षक भक्षक बना बैठा है. दरअसल, इलाहाबाद जंक्शन पर नशे में धुत जिस व्यक्ति को पुलिस ने छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया है वह एक पुलिसकर्मी है. खास बात यह है कि घटना के वक्त जो रेलवे पुलिस सीना तान कर आरोपी को गिरफ्तार करती है, वही खाकी की इज्जत बचाने के लिए अब मामले की लीपापोती में जुट गई है.
क्या और कैसे हुई घटना
जानकारी के मुताबिक, इलाहाबाद जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर-4 पर नशे में धुत कविंद्र प्रताप शर्मा नाम का सिपाही सादी वर्दी में घूम रहा था. उसने दो महिलाओं से खीरा लिया और पांच सौ रुपये का नोट दिया. फुटकर को लेकर समस्या आई और जब महिला ने खुल्ले पैसे देने को कहा तो सिपाही ने महिला का हाथ पकड़ लिया. स्थानीय लोगों का आरोप है कि सिपाही न तो छुट्टे दे रहा था और न ही रुपये वापस ले रहा था.
सिपाही की छेड़खानी देख वहां मौजूद अन्य महिलाओं ने शोर मचाया और आरोपी की चप्पलों से पिटाई कर दी. हंगामा होने के बाद स्टेशन पर मौजूद आरपीएफ आरोपी को पकड़कर जीआरपी थाने ले गई. पुलिस के मुताबिक आरोपी खुद को अलीगढ़ के विजयगंज के तहेरा का रहने वाला बता रहा था.
पुलिस का रवैया
महिलाओं का आरोप है कि जब पुलिस को पता चला कि आरोपी भी पुलिसकर्मी है तो पुलिस ने शांतिभंग की आशंका में उसका चालान कर मामला रफा-दफा कर दिया. महिलाओं की मांग है कि पुलिस को मामले में छेड़खानी की रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए. जीआरपी के मुताबिक आरोपी को मेडिकल करवाकर शांतिभंग के तहत कार्रवाई की गई है.