अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में लड़कियों के प्रवेश पर रोक के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है. हाई कोर्ट ने कहा है कि लाइब्रेरी में लिंग के आधार पर रोक अनुचित है. अदालत ने इस मामले में यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को नोटिस भेजा है. मामले पर अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी.
हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है. हाल में अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को यह निर्देश देने की मांग की गई वे लाइब्रेरी में छात्राओं को जाने की अनुमति दें.
लॉ इंटर्न दीक्षा द्विवेदी की ओर से दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि एएमयू के वीसी जमीरूद्दीन शाह लाइब्रेरी में छात्राओं को जाने की अनुमति नहीं देकर लड़कियों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहे हैं.
आपको बता दें कि पिछले दिनों वीसी की ओर से यह बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया था कि लाइब्रेरी में छात्राओं को प्रवेश की अनुमति देने के बाद अधिक संख्या में लड़के आने लगेंगे. वीसी का यह बयान मीडिया में सामने आने के बाद एएमयू ने जगह की कमी का हवाला दिया और 'लैंगिक भेदभाव' के आरोपों से इंकार किया.