लाइसेंसिंग प्रणाली में भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कहा कि घूसखोरी रिवाज बन गई. कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए सरकार को आदेश दिया कि वह सभी तरह की लाइसेंसिंग और नवीनीकरण की प्रक्रियाओं को ऑनलाइन करे.
लखनऊ में केरोसिन ऑयल के लाइसेंस नवीनीकरण में घूसखोरी के मामले की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इसकी जांच एसआईटी से कराने और हर माह कोर्ट को रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार समेत अन्य पक्षकारों पर दो लाख रुपये बतौर हर्जाना ठोका है. इसमें से डेढ़ लाख रुपये याची को मिलेंगे और बाकी रकम हाईकोर्ट के मीडिएशन सेंटर को दी जाएगी. साथ ही याची को लाइसेंस मंजूर करने के मामले में नए सिरे से दो माह में गौर करने के निर्देश दिए.
न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी द्वितीय की खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को यह फैसला रामकृष्ण सोनी की याचिका पर सुनाया. इसमें याची ने 28 अप्रैल 2012 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उसकी रिटेल केरोसिन ऑयल लाइसेंस के नवीनीकरण की अर्जी खारिज कर दी गई थी. सोनी का आरोप है कि उसके लाइसेंस को एक शख्स के इशारे पर खारिज करा दिया गया था. इसमें जिला आपूर्ति अधिकारी ने 57000 रुपये घूस ली थी.