समाजवादी पार्टी के भीतर का विवाद रोज नए रंग दिखा रहा है. अब राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के चीफ ह्विप नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा के सभापति को खत लिखकर कहा है कि, राज्यसभा सांसद अमर सिंह, बेनी प्रसाद वर्मा और सुखराम यादव की सीट सबसे पीछे कर दी जाए.
इसके बाद राज्यसभा के सभापति ने नरेश अग्रवाल की बात मान ली और तीनों सांसदों की सीट सबसे पीछे कर दी. राज्यसभा के सभापति के दफ्तर के मुताबिक, 'हम पार्टियों की संख्या के हिसाब से सीट का अलॉटमेंट करते हैं. इसके बाद जिस पार्टी को जिस जगह, जितनी सीटें मिलती हैं, वहां कौन बैठेगा, ये पार्टी का चीफ व्हिप तय करता है. वह जो हमको लिखित में देता है, हम उसको मान लेते हैं. इसी के तहत हमने नरेश अग्रवाल के खत पर फैसला किया है और तीनों सांसदों की सीटें पीछे कर दी हैं.
गौरतलब है कि मुलायम और अखिलेश विवाद में अमर सिंह, बेनी प्रसाद वर्मा और सुखराम यादव ने अखिलेश के पक्ष में दस्तखत नहीं किये थे. वैसे अमर सिंह को तो अखिलेश की अध्यक्षता में पहले ही पार्टी से निकाला जा चुका है. बेनी बाबू के बेटे राकेश वर्मा को मुलायम ने टिकट दिया था, जिसको बाद में अखिलेश ने काट दिया, इसके बाद उनके बेटे के बीजेपी जाने की भी ख़बरें आयीं थीं.
कुल मिलाकर अब सपा को आवंटित सीटों में अमर, बेनी और सुखराम सबसे पीछे बैठेंगे. दिलचस्प है कि, मुलायम तो अब अखिलेश और गठबन्धन के लिए तैयार हो गए, पिता अब पुत्र के पाले में चले गए, लेकिन शिकार मुलायम का साथ देने वाले ये तीन सांसद हो गए. शायद इसी को सियासत कहते हैं.