नवरात्र का पावन समय और मौका लखनऊ में नए भव्य सचिवालय भवन के उद्घाटन का जो अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का नया कार्यालय भी होगा. इस शानदार भवन का उद्घाटन मुलायम सिंह यादव ने किया और पूजा की मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने. यहीं पर अखिलेश यादव ने आज पहली बार नये सचिवालय में अपने कैबिनेट की बैठक भी की. लेकिन इस यादगार मौके पर भी अखिलेश यादव बुझे-बुझे से नजर आए. चेहरे पर खुशी की जगह परेशानी और चिंता साफ झलक रही थी.
दरअसल इसकी वजह थी कि अखिलेश यादव जब इस सचिवालय भवन का उद्घाटन करने आ रहे थे, उससे कुछ ही देर पहले उनके चाचा और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की एक सूची घोषित कर दी. सात लोगों को टिकट दिए गए और 14 लोगों के टिकट काट दिए गए.
अमनमणि को टिकट देना अखिलेश के लिए झटका
लेकिन अखिलेश यादव की परेशानी का सबब था, महाराजगंज जिले में नौतनवा से उम्मीदवार घोषित किए गए अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी को टिकट दिया जाना. अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ खुद अखिलेश यादव ने उनकी पत्नी सारा सिंह की हत्या के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. अमनमणि त्रिपाठी ने सारा से 2013 में शादी की थी और उसके कुछ ही समय बाद दोनों के बीच झगड़ा रहने लगा था. बाद में सारा की हत्या हो गई. इस मामले में काफी तूल पकड़ा था और अंत में अखिलेश यादव ने सारा की मां के कहने पर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. जैसा कि आपको मालूम है कि अमनमणि त्रिपाठी के पिता अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी पहले सही मधुमिता हत्याकांड के मामले में जेल में सजा काट रहे हैं.
अखिलेश ने कहा- देखिए आगे क्या होता है
जब अखिलेश यादव से पूछा गया कि जिसके खिलाफ उन्होंने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, उसी को पार्टी का टिकट कैसे मिल गया, तो अखिलेश यादव ने बुझे मन से कहा कि उन्हें इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है. पल्ला झाड़ने की कोशिश करते हुए उन्होंने कहा कि टिकट के बारे में उन्होंने अपने सारे अधिकार छोड़ दिए हैं. और कुरेदे जाने पर अखिलेश ने कहा कि इस बारे में उनके क्या विचार हैं सबको मालूम है. तब अखिलेश यादव से पूछा गया कि टिकट के बंटवारे में क्या उनकी बिल्कुल नहीं चल रही है? अखिलेश यादव ने उसके बाद अपनी बात समझाने के लिए ताश के खेल का जिक्र किया और कहा कि अंत में जीत उसी की होती है जिसके पास तुरुप का इक्का होता है. अखिलेश ने चुनौती वाले अंदाज में कहा कि विधानसभा के चुनाव में अभी समय है और देखें कि अंत तक क्या होता है.
मुलायम के घर पर बैठक
अखिलेश यादव के तेवर से यह बात साफ है कि आने वाले दिनों में समाजवादी पार्टी के भीतर टिकट को लेकर फिर से घमासान होने वाला है. सोमवार को दोपहर में ही मुलायम सिंह के घर पर टिकट बंटवारे को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमे मुलायम सिंह के अलावा शिवपाल यादव रामगोपाल यादव और अखिलेश यादव ने हिस्सा लिया. बैठक के बाद रामगोपाल यादव ने कहा की टिकट का बंटवारा मुख्यमंत्री नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी का पार्लियामेंट्री बोर्ड करता है.