इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने छत्रपति शाहूजी महाराज (अमेठी) को उत्तर प्रदेश का जिला बनाने की अधिसूचना को सोमवार को खारिज करने का निर्णय दिया. कोर्ट के निर्णय के बाद अब अमेठी जिला नहीं रहेगा.
अमेठी के क्षेत्र सुलतानपुर और रायबरेली में पुरानी स्थिति में समाहित रहेंगे. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह और न्यायमूर्ति डी़ के. अरोड़ा की पीठ ने मनोज रस्तोगी व अन्य की तरफ से दायर याचिका पर यह निर्णय दिया.
याचिका में एक जुलाई 2010 को तत्कालीन बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सरकार द्वारा छत्रपति शाहूजी महाराज नगर जिले के गठन को लेकर जारी की गई अधिसूचना को अवैध बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
याचिकाकर्ता ने कहा था कि जिस वक्त राज्य सरकार ने इस जिले के गठन की अधिसूचना जारी की उस समय जनगणना चल रही थी. 31 दिसंबर 2011 से पहले नए जिले का गठन कानूनी रूप से अवैध था. केंद्र सरकार की तरफ से उस दौरान देश में कहीं पर भी नए जिले के गठन पर रोक थी.
मायावती सरकार ने सुल्तानपुर की तीन (अमेठी, मुसाफिरखाना, गौरीगंज) और रायबरेली जिले की दो तहसीलों (तिलोई, सलोन) को मिलाकर छत्रपति शाहूजी महाराज नगर जिले का गठन किया था. बीते साल सत्ता परिवर्तन होने के बाद अखिलेश यादव सरकार ने इस जिले का नाम बदलकर अमेठी कर दिया था.