यूपी बीजेपी की बिगड़ी हुई सेहत को सुधारने के लिये उत्तर प्रदेश के प्रभारी अमित शाह फेसबुक की शरण में हैं. अमित शाह इन दिनों उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं और यूपी बीजेपी के सभी आठों जोन के प्रभारियों और पदाधिकारियों से मिल रहे हैं. लेकिन इसके साथ ही अमित शाह भाजपा का हाल जानने के लिये फेसबुक का भी सहारा ले रहे है.
अमित शाह अपने दौरों का ब्यौरा अपने फेसबुक एकाउंट पर पोस्ट कर रहे हैं और साधारण कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलने की अपील कर रहे हैं. साथ ही उनसे बीजेपी का अंदरूनी हाल भी जान रहे हैं.
अमित शाह ने अपना फेसबुक एकाउंट हाल ही में खोला है. इस एकाउंट पर अमित शाह के 11,500 से भी ज्यादा फॉलोअर हैं. इसमें ज्यादातर बीजेपी कार्यकर्ता और मोदी सर्मथक हैं. इन साधारण भाजपा कार्यकर्ताओं और सर्मथकों को पार्टी के यूपी प्रभारी अमित शाह से मिलने के लिये अब न किसी बड़े नेता की पैरवी की जरुरत है और न ही लाइन में खड़े होकर धक्के खाने की जरुरत है. फेसबुक और ट्विटर ने अमित शाह तक अपनी बात पहुंचाने का काम काफी आसान कर दिया है.
उत्तर प्रदेश के बीजेपी प्रवक्ता विजय बहादुर ने कहा, 'सभी नेता मौजूद हैं. उत्तर प्रदेश प्रभारी के नाते आदरणीय अमित शाह जी फेसबुक की साइट पर हैं. उनके जो उत्तर प्रदेश प्रवास के कार्यक्रम होते हैं वो खुद पोस्ट करते हैं और कई बार आपने देखा कि ट्विटर और फेसबुक की साइटों पर वो खुद लिखते हैं कि मै इलाहाबाद पहुंच रहा हूं, मैं कानपुर पहुंच रहा हूं, मैं लखनऊ पहुंच रहा हूं और अपेक्षा है कि आप मिलेंगे. कुल मिलाकर लिखने का ये उद्देश्य है कि मिलने में कोई बाधा नहीं है.'
युवा मोर्चा के प्रदेश सदस्यता प्रभारी आनंद शाही कहते हैं, 'इस वेबसाइट के जरिए बीस लाख जवानों को जोड़ने का उद्देश्य है. हम इसके जरिए 18 से 35 साल के लोगों को जोड़ रहे हैं. किसी को भी उनसे संबंधित जानकारी चाहिए तो मिल जाएगी.'
अमित शाह इन दिनों यूपी में उन आठ क्षेत्रों में बैठकें कर रहे हैं जहां पार्टी के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी की रैलियां होने वाली हैं. इसके लिए वो बैठक के पहले फेसबुक और ट्विटर दोनों पर जगह और समय दोनों बताते हुये अपने प्रोग्राम को पोस्ट कर देते हैं. इसके पीछे मकसद होता है कि कार्यकर्ता खुलकर अपनी बात को उनसे शेयर कर सकें. उनके पेज पर मिलने वाले कमेंट्स से उन्हें यूपी बीजेपी का असली हाल भी पता चलने लगा है. कार्यकर्ताओं के मुताबिक अमित शाह गुजरात की तर्ज पर यूपी बीजेपी की भी समस्याएं सुन रहे हैं.
भाजयूमो के कार्यकर्ता अमरेन्द्र कुमार कहते हैं, 'इस वेबसाइट के द्वारा हम इससे जुड़ सकते हैं. अगर किसी भी तरह की समस्याएं हों, तुरंत ही जवाब आता है. पार्टी में बहुत से लोग होते हैं, अगर किसी को समस्या होती है तो हम अपने सीनियर से शेयर करते हैं और वो अमित शाह के पास जाती है.'
विजय बहादुर पाठक कहते हैं, 'कई लोग ऐसे हैं जो बीजेपी के सर्मथक हैं, लेकिन वर्कर नहीं हैं. वे लोग चाहते हैं कि नरेन्द्र मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बनें और बीजेपी की सरकार बनाएं. वो सुझाव लिखते हैं और हम इन सुझावों का आदर करते हैं. कई बार हमें सुझाव सूट करता है और कई बार लगता है कि हमें सुझाव को लागू करना चाहिए.'
अमित शाह के लिये अब वे चीजें भी जाननी आसान हो गई हैं जो पहले बैठकों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी के कारण नहीं मालूम पड़ती थी. उनके पेज पर आ रहे कमेंट्स से भी उन्हें यूपी भाजपा का असली हाल मालूम पड़ रहा है और शायद इसलिए अपने सभी बैठकों में अमित शाह नेताओं से अपील कर रहे हैं कि आपसी मतभेद भुलाकर वे पार्टी की सफलता के लिये जुट जाएं. अगर इसबार यूपी में फेल रहे तो यूपी बीजेपी का हाल तमिलनाडु की तरह हो जाएगा.