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अमिताभ ठाकुर के 'जबरिया रिटायरमेंट' पर कैट ने केंद्र और UP सरकार से मांगा जवाब

उत्तर प्रदेश के पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अपने जबरिया सेवानिवृत्त देने के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट ने दोनों सरकारों को 6 सप्ताह का समय देते हुए जवाब मांगा है.

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पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मार्च में रिटायर किए गए थे अमिताभ ठाकुर
  • रिटायरमेंट के खिलाफ कैट पहुंचे अमिताभ

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को जबरिया रिटायर करने पर केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. कैट ने दोनों सरकारों को 6 सप्ताह का समय देते हुए 6 अगस्त 2021 को सुनवाई की अगली तारीख नियत किया. इससे पहले दोनों सरकारों को अपना जवाब दाखिल करना है.

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यूपी के पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को 23 मार्च 2021 को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति दे दी गई थी. उसके खिलाफ अमिताभ ठाकुर ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल किया था. अमिताभ ठाकुर के मुताबिक़, उनको जबरदस्ती रिटायर किया गया था.

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कहा कि मैंने भारत सरकार से इस संबंध में कारण पूछा किन्तु उन्हें अब तक कारण नहीं बताया गया है. इसके बाद अमिताभ ठाकुर ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की. प्रशासनिक सदस्य ए मुखोपाध्याय की बेंच ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

अमिताभ ठाकुर ने कैट को बताया कि यह आदेश पूरी तरह मनमाना तथा अस्पष्ट है, जिसमे आदेश देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, इसलिए उन्होंने भारत सरकार से इस संबंध में कारण पूछा किन्तु उन्हें अब तक कारण नहीं बताया गया. इतना ही नहीं उन्हें पहले आरटीआई एक्ट की धारा 8(1)(आई) तथा बाद में धारा 8(1)(जे) में सूचना देने से मना कर दिया गया.

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केंद्र व राज्य सरकार के अधिवक्ताओं ने जवाब के लिए 08 सप्ताह का समय मांगा, जिसका अमिताभ द्वारा इस आदेश से उन्हें गंभीर सामाजिक एवं वित्तीय क्षति पहुंचने के आधार पर विरोध किया गया. उन्होंने कहा कि वे सरकार के जवाब के बाद मात्र एक सप्ताह में अपना जवाब दे देंगे और वे शीघ्र इस मामले का निस्तारण चाहते हैं.

 

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