अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) प्रशासन से जुड़े लोगों ने कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) जमीरूद्दीन शाह द्वारा उनसे मुलाकात करने आने वाले छात्रों के लिए शेरवानी पहनना अनिवार्य करने के निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि दुनिया भर में फैले विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों ने इसका स्वागत किया है.
शाह ने बीते शनिवार को विश्वविद्यालय के छात्रों के नाम जारी एक खुले पत्र में उन्हें सलाह दी थी कि वे जब भी उनसे मिलने आएं विश्वविद्यालय की औपचारिक पोशाक शेरवानी में ही आएं.
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता राहत अबरार ने कुलपति शाह के फैसले का बचाव करते हुए दावा किया है कि मीडिया के एक तबके में इस निर्णय को लेकर बेवजह बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जा रहा है. भारत में ही नहीं विदेशों में भी रह रहे विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों ने इस निर्णय की सराहना की है.
यह बताते हुए कि विश्वविद्यालय की स्थापना से ही शेरवानी इसकी औपचारिक पोशाक रही है, अबरार ने दावा किया कि फेसबुक और ईमेल के जरिए विश्वविद्यालय कुलपति के इस निर्णय को जबरदस्त समर्थन हासिल हुआ है.
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में दाखिले के वक्त हर छात्र से विश्वविद्यालय की औपचारिक पोशाक शेरवानी के लिए सिलाई शुल्क के रूप में एक निश्चित धनराशि जमा करायी जाती रही है और कम दर पर शेरवानी सिलाई की सुविधा उपलब्ध करायी जाती रही है.