जहां एक ओर तेलंगाना के गठन के विरोध में आंध्र प्रदेश सुलग रहा है वहीं इसके समर्थन और विरोध में कई आवाजें उठने लगी हैं. इसके विरोध में नई आवाज आई है अन्ना हजारे की जिन्होंने इसके गठन की प्रक्रिया को अदूरदर्शी तथा गलत कदम बताते हुए कहा है कि इससे देश कमजोर होगा.
अन्ना जनतंत्र यात्रा के तहत यहां पहुंचे हैं और उन्होंने बातचीत के दौरान कहा, 'देश में तेलंगाना राज्य गठित करने की कोशिश की जा रही है, इससे इस एक राज्य का गठन किया जाएगा तो देश में दूसरे कई राज्यों की मांग ना सिर्फ तेज होगी बल्कि हो सकता है कि जिलों में भी बंटवारे की मांगें होने लगे.'
उन्होंने कहा, 'सरकार ने ये जो प्रक्रियाएं (पृथक तेलंगाना राज्य के गठन की कवायद) शुरू की हैं उनसे देश कमजोर होगा.’ हजारे ने कहा कि देश की मौजूदा बदहाली किसी से छिपी नहीं है. संसद में साफ-सुथरे और अच्छे चरित्र के लोगों को चुनकर संसद में भेजने के प्रति जनता को जागरूक करने के लिये ही वह जनतंत्र यात्रा निकाल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव और अरविंद केजरीवाल के अलग होने के बावजूद जनतंत्र यात्रा को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है.
हजारे ने साफ किया कि उनकी टीम में शामिल कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ेगा, बल्कि वे सभी लोग देश की सेवा में लगे रहेंगे. उन्होंने कहा कि संसद के मानसून सत्र के पहले दिन से वह जनलोकपाल के लिये नयी दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन करेंगे.
समाजसेवी ने कहा कि जिस तरह जनसूचनाधिकार कानून के लिये उन्होंने 10 साल तक संघर्ष किया उसी तरह जनलोकपाल के लिये भी जद्दोजहद जारी रहेगी.
हजारे के साथ जनतंत्र यात्रा पर आये पूर्व सेना प्रमुख वी. के. सिंह ने इस मौके पर एक सवाल पर कहा कि चीन देश की सीमाओं का लगातार अतिक्रमण कर रहा है. इसके लिये केन्द्र की नीतियां दोषी हैं.