अपना दल ने मोदी की वाराणसी सीट को लक्ष्य कर बीजेपी पर गठबंधन के सवाल पर दबाव बढ़ा दिया है. पूर्वांचल में पटेल वोटों की एक बड़ी ताकत माने जाने वाले अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल कहती हैं कि अगर 24 मार्च तक बीजेपी से गठबंधन फाइनल न हुआ तो वे वाराणसी से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी.
उन्होंने कहा, 'वाराणसी संसदीय सीट के तहत आने वाले रोहनियां से विधायक होने के नाते भी वहां से चुनाव लडऩे का उनका स्वाभाविक दावा बनता है.' अनुप्रिया बताती हैं कि बीजेपी ने पहले विलय का प्रस्ताव किया था, जिसे उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया. इसके बाद सीटों पर तालमेल पर बात होनी शुरू हुई. अपना दल ने तीन सीटों प्रतापगढ़, मिर्जापुर और फूलपुर पर अपना दावा पेश किया पर अपने अंतर्विरोधों की वजह से वह इन सीटों पर फैसला नहीं ले पा रही है. अब ज्यादा दिन इंतजार नहीं किया जा सकता है. गठबंधन न होने की स्थिति में अपना दल बनारस सहित 20 से 25 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगा और इनमें से ज्यादातर पूर्वी उत्तर प्रदेश में होंगी.
बनारस से चूंकि बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं और वहां सवा दो लाख से अधिक कुर्मी वोटर हैं इसलिए बीजेपी भी इस मामले में तुरंत फैसला नहीं ले पा रही है. बीजेपी नेता ओमप्रकाश सिंह ने मिर्जापुर सीट को अपना दल को देने का विरोध कर रहे हैं. इस कुर्मी बहुल सीट पर उनके बेटे अनुराग बीजेपी टिकट के दावेदार हैं. इसी तरह प्रतापगढ़ सीट पर बीजेपी नेता मोती सिंह एक साल से तैयारी कर रहे थे. फूलपुर की स्थानीय बीजेपी इकाई भी अपना दल को सीट देने के लिए मन से तैयार नहीं है.