उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे 11 मार्च को आने हैं लेकिन उससे पहले तमाम संस्थाओं के एग्जिट पोल ऐलान कर रहे हैं कि लखनऊ की सत्ता में बीजेपी कब्जा करने जा रही है. सवाल ये है कि क्या वास्तविक नतीजे भी एग्जिट पोल के नतीजों जैसे होंगे या फिर बिल्कुल नए परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं. अगर पिछले चुनाव यानी 2012 के विधानसभा चुनाव से तुलना करें तो ऐसा होना संभव नहीं दिखता.
2012 के विधानसभा चुनाव के बाद स्टार न्यूज-नेल्सन ने बीएसपी को 83, एसपी को 183, भाजपा को 71 , कांग्रेस-रालोद को 51 और अन्य को 11 सीट मिलने का अनुमान जताया था. सीएनएन-आईबीएन ने बीएसपी को 65 से 70 सीटें, एसपी को 232 से 250 सीटें, भाजपा को 36 से 40 सीटें और कांग्रेस-रालोद को 11 से 23 सीटें मिलने का अनुमान जताया था.
जब परिणाम आए तो एसपी को 403 सदस्यीय विधानसभा में 224 सीटें मिलीं और बीएसपी सुप्रीम मायावती को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा. बीएसपी को 80, भाजपा को 47, कांग्रेस को 28, रालोद को नौ, पीस पार्टी को चार तो राष्ट्रवादी कांग्रेस को एक सीट से संतोष करना पड़ा. इसके अलावा 14 निर्दलीय भी जीतकर विधानसभा पहुंचे. इन नतीजों से साफ है कि वास्तविक परिणाम और एक्जिट पोल के परिणाम में ज्यादा अंतर नहीं है.